रिटर्न दाखिल नहीं करने पर न्यास के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करें : अदालत ने केंद्र से कहा
By भाषा | Published: September 4, 2021 02:56 PM2021-09-04T14:56:29+5:302021-09-04T14:56:29+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक परमार्थ न्यास के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे, जिसने गृह मंत्रालय की वेबसाइट में कथित दिक्कतों के चलते विदेशी चंदा विनियमन कानून के तहत आवश्यक वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं किया। यह संस्था वंचितों एवं कुष्ठ रोगियों के लिए काम करती है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने गृह मंत्रालय (एचएचए) को नोटिस जारी किया और इसे याचिका पर जवाब देने के लिए कहा तथा मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 दिसंबर तय की। अदालत ने कहा, ‘‘अगली तारीख तक प्रतिवादी (एमएचए) याचिकाकर्ता (न्यास) के खिलाफ 2019-20 के लिए रिटर्न नहीं दाखिल करने की खातिर कठोर कार्रवाई नहीं करेगा।’’ याचिकाकर्ता वंचित एवं कुष्ठ रोगी पुनर्वास न्यास ने अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया है कि उसे मंत्रालय की वेबसाइट पर अपना फॉर्म एफसी-4 अपलोड करने की अनुमति दे, जो विदेशी चंदा विनियमन कानून (एफसीआरए), 2010 के तहत आवश्यक है ताकि वह वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल कर सके। रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 30 जून 2021 को समाप्त हो चुकी है।
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