आईएसएफ कार्यकर्ताओं के प्रति पंचायत प्रधान के फरमान से बंगाल के जिले में विवाद
By भाषा | Updated: June 15, 2021 18:16 IST2021-06-15T18:16:57+5:302021-06-15T18:16:57+5:30

आईएसएफ कार्यकर्ताओं के प्रति पंचायत प्रधान के फरमान से बंगाल के जिले में विवाद
कोलकाता, 15 जून पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में उस समय विवाद उत्पन्न हो गया जब एक पंचायत प्रधान ने फरमान जारी किया कि केवल तृणमूल कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखने वालों को ही 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना में काम मिलेगा। इस पर आईएसएफ ने कहा कि राजनीतिक झुकाव ऐेसे मामलों में कभी भी मापदंड नहीं होना चाहिए।
भांगर में भोगाली द्वितीय पंचायत के प्रधान मुदास्सेर हुसैन ने सोमवार को समर्थकों की बैठक में कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में जिन लोगों ने आईएसएफ के पक्ष में काम किया , ‘‘वे यदि इस योजना के तहत काम पाने को इच्छुक हैं तो उन्हें सत्तारूढ़ दल के प्रति सपर्मण करना चाहिए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जिन कार्यकर्ताओं ने हमसे सभी सुविधाएं लेने के बाद चुनाव के दौरान अन्य दलों के लिए काम किया था , वे जब तक हमारे सामने आत्मसमर्पण नहीं करते हैं तबतक उनपर (इस योजना के लिए) विचार नहीं किया जाएगा। जिन लोगों ने चुनाव के दौरान आईएसएफ के लिए काम किया, उन्हें सत्तारूढ़ दल के प्रति अपनी निष्ठा दिखानी होगी। ’’
तृणमूल कांग्रेस भांगर में आईएसएफ के हाथों चुनाव हार गयी थी। राज्य में यह एक मात्र विधानसभा सीट थी जहां अब्बास सिद्दिकी की पार्टी जीत पायी थी। हुसैन के बयान के कथन की निंदा करते हुए भांगर के विधायक नौशाद सिद्दिकी ने कहा कि निर्वाचित प्रतनिधियों को सभी के लिए काम करना चाहिए, भले ही राजनीतिक झुकाव किसी भी दल की ओर हो।
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