बिहार विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के द्वारा एक भी उम्मीदवार नहीं उतारे जाने में पार्टी में नाराजगी

By एस पी सिन्हा | Published: March 9, 2024 05:26 PM2024-03-09T17:26:12+5:302024-03-09T17:26:21+5:30

पार्टी से एक भी विधान पार्षद नही होने के कारण पार्टी की विधायक प्रतिमा दास ने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जितनी जल्दी हो सके उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर किसी दूसरे कांग्रेसी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर दी है। 

Displeasure in the party over Congress not fielding a single candidate in the Bihar Legislative Council elections | बिहार विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के द्वारा एक भी उम्मीदवार नहीं उतारे जाने में पार्टी में नाराजगी

बिहार विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के द्वारा एक भी उम्मीदवार नहीं उतारे जाने में पार्टी में नाराजगी

पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के द्वारा अपना उम्मीदवार नहीं उतारे जाने को लेकर पार्टी के अंदर नाराजगी देखी जा रही है। दरअसल, 17 विधायकों का साथ होने के बावजूद राजद और वाम दलों ने मिलकर विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस को किनारे कर दिया है। जिसके बाद कांग्रेस विधायकों में काफी नाराजगी है। पार्टी से एक भी विधान पार्षद नही होने के कारण पार्टी की विधायक प्रतिमा दास ने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जितनी जल्दी हो सके उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर किसी दूसरे कांग्रेसी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर दी है। 

प्रतिमा दास ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह केंद्रीय नेतृत्व को मिस गाइड कर रहे हैं। वे विधायकों का फोन नहीं उठाते हैं। हम लोगों की मुलाकात के कई दिन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश सिंह पार्टी और संगठन को कमजोर कर रहे हैं। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके उन्हें पद से हटाकर किसी दूसरे कांग्रेस नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। 

प्रतिमा दास ने कहा है कि आने वाला लोकसभा चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है और सभी लोग इसकी तैयारी में लगे हुए हैं। हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली में रहते हैं। अभी तक प्रदेश कमेटी का गठन नहीं हो सका है। हमारे 17 में से दो विधायक दूसरे दल में चले गए। जब हमारे चार विधायक थे तब कांग्रेस से विधान पार्षद बनाया जाता था, लेकिन 17 विधायक होने के बावजूद कांग्रेस से किसी को विधान पार्षद नहीं बनाया गया। ऐसे सैकड़ों कार्यकर्ता हैं जो पार्टी के खराब समय में भी पार्टी के साथ मजबूती से जुड़े रहे और आज भी पार्टी की मजबूती के लिए काम करते हैं। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा। वैसे लोगों को उम्मीद होती है कि वे भी विधान पार्षद बनें। अगर आप एक को भी बनाते हैं तो शेष पार्टी कार्यकर्ताओं में सकारात्मक संदेश जाता है। 

उल्लेखनीय है कि 11 सीटों के लिए विधान परिषद का द्विवार्षिक चुनाव कराया जा रहा है, जिसमें एक सीट कांग्रेस की भी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा का कार्यकाल मई के पहले हफ्ते में खत्म हो रहा है। लेकिन महागठबंधन के 5 उम्मीदवारों में से कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं लगने की वजह से पार्टी के अंदर नाराजगी है। लिहाजा, अखिलेश प्रसाद सिंह को दिल्ली तलब किया गया है, जहां कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान पहले से ही मौजूद हैं।

Web Title: Displeasure in the party over Congress not fielding a single candidate in the Bihar Legislative Council elections

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