आपदा प्रबंधनः फेक ट्रेनर ने मॉक ड्रिल के दौरान छात्रा को धक्का मार नीचे गिराया, हुई मौत
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 13, 2018 01:24 PM2018-07-13T13:24:42+5:302018-07-13T14:02:23+5:30
कोवई कलाईमगल कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में आपदा प्रबंधन पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। कॉलेज के 20 छात्र उस ड्रिल में हिस्सा ले रहे थे जिसमें 19 साल की एन लोगेश्वरी भी शामिल थी। इस ड्रिल के बाद भाग लेने वाले सभी छात्रों को सर्टिफिकेट भी मिलना था।
बेंगलुरु, 13 जुलाईः कर्नाटक के कोयम्बटूर में एक कॉलेज में आपदा प्रबंधन पर चल रही मॉक ड्रिल के दौरान एक लड़की की दूसरी मंजिल से गिर कर मौत हो गई। हालांकि सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए थे, लेकिन इसके बावजूद कई नियमों की अनदेखी हुई जो लड़की की मौत का कारण बना।
कोवई कलाईमगल कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में आपदा प्रबंधन पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। कॉलेज के 20 छात्र व छात्राएं उस ड्रिल में हिस्सा ले रहे थे, जिसमें 19 साल की एन लोगेश्वरी भी शामिल थी। इस ड्रिल के बाद भाग लेने वाले सभी छात्रों को सर्टिफिकेट भी मिलना था।
ड्रिल में यह सिखाया जा रहा था कि किसी आकस्मिक आपदा के दौरान किसी इमारत के दूसरे तल से कैसे कूदा जा सकता है। शुरूआत में नागेश्वरी को डर लग रहा था और वह ट्रेनर अरुमुगम के कई बार कहने पर कूदने का प्रयास कर रही थी। हालांकि डर की वजह से वह लगातार चिल्ली रही थी और ट्रेनर उसे कूदने के लिए कह रहा था। इसी दौरान ने उसे कूदने के लिए हल्का धक्का दे दिया।
हालांकि नीचे कई छात्र नेट लगा कर खड़े थे, लेकिन कूदते समय नागेश्वरी का संतुलन बिगड़ा और उसका सर इमारत के सनरूफ वाले हिस्से से लड़ा। घटना के तुरंत बाद ही उसको एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
खबरों के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या एनडीएमए के अधिकारियों ने बताया कि अरुमुगम के रूप में पहचाना गया युवक प्रशिक्षक नहीं हैं और न ही उसे लोगों के साथ अभ्यास करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि शुरुआत में लड़की डरी हुई थी। कूदने में हुई गलती से उसका सर सीधा सनरूफ से जा लड़ा और उसकी मौत हो गई। यह बात तो पूछी ही जा रही है कि इंतजाम और बेहतर होते और नियमों का उचित रूप से पालन होता तो शायद यह मौत नहीं होती।