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लोकसभा चुनाव में हार के बाद राजस्थान कांग्रेस में 'संकट', सचिन पायलट ने कहा- पार्टी छोड़ने का सवाल ही नहीं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 29, 2019 08:34 IST

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुशील आसोपा ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में यह लिखा कि अगर पार्टी ने विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया होता तो लोकसभा चुनाव के परिणाम अलग होते।

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ठळक मुद्देराजस्थान कांग्रेस में संकट, सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने की प्रियंका गांधी से मुलाकातबुधवार को जयपुर में राजस्थान कांग्रेस की कार्यकारिणी की हो सकती है बैठक, हार पर होगी चर्चा

लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी के इस्तीफे की जिद के बीच राजस्थान में भी पार्टी पर संकट गहरा गया है। पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से चुनाव में करारी हार के लिए विश्लेषण की मांग ने इस संकट को और हवा दिया है।

वहीं, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुशील आसोपा ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में यह लिखा कि अगर पार्टी ने विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया होता तो लोकसभा चुनाव के परिणाम अलग होते।

हालांकि, इन सबके बीच सचिन पायलट ने जरूर कहा है कि कांग्रेस छोड़ने का सवाल ही खड़ा नहीं होता है। इससे पहले सचिन पायलट को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही थी।

विधान सभा चुनाव में जीत के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, इसके बाद से ही राजस्थान कांग्रेस में दो पावर सेंटर काम कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की एक बड़ी वजह इसे भी माना जा रहा है। 

राहुल से अलग-अलग मिलने पहुंचे सचिन और गहलोत 

कांग्रेस में मंगलवार को बड़ी हलचल दिखी जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे। सूत्रों के अनुसार दोनों राहुल के आवास पर जरूर गये लेकिन उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष से नहीं हो सकी। दोनों की प्रियंका के साथ मुलाकात हुई। इस बीच, गहलोत मंगलवार शाम ही जयपुर पहुंच गए।

पीटीआई के अनुसार कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि बुधवार को जयपुर में राजस्थान कांग्रेस की कार्यकारिणी में बैठक भी हो सकती है जिसमें राज्य में कांग्रेस की करारी हार पर मुख्य रूप से चर्चा होगी। 

बता दें कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई CWC बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाये को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी।

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया।

राहुल ने साथ ही हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, CWC ने इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया।

(भाषा इनपुट)

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