देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम नहीं होने के क्या हैं कारण, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक ने दिया जवाब

By भाषा | Published: August 23, 2020 02:19 PM2020-08-23T14:19:22+5:302020-08-23T14:19:22+5:30

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सिंह से कोरोना वायरस को लेकर पांच सवाल और उनके जवाब :-

Director of National Center for Disease Control gave answers to questions related to Covid-19 | देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम नहीं होने के क्या हैं कारण, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक ने दिया जवाब

भारत में अब तक 30 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsदेश में कोविड-19 से उबरने के बाद भी लोगों में पुन: बीमारी के लक्षण दिखने की खबरें सामने आ रही हैं।इस पर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि इस आधार पर अभी कोई धारणा बनाना ठीक नहीं है।

नई दिल्ली। देश में कोविड-19 से उबरने के बाद भी लोगों में पुन: बीमारी के लक्षण दिखने की खबरें सामने आ रही हैं, ऐसे में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह का कहना है कि उपचार के बाद लक्षण फिर से उभरने के मामले अभी काफी कम सामने आए हैं और इस आधार पर अभी कोई धारणा बनाना ठीक नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सिंह से ‘भाषा के पांच सवाल’ और उनके जवाब :-

सवाल : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम नहीं होने के क्या कारण हैं ?
जवाब : देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति स्थिर बनी हुई है। समय पर लॉकडाउन का सकारात्मक प्रभाव सामने आया है। लेकिन हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि हमारा देश विस्तृत है और आबादी भी बहुत बड़ी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों और राज्यों के सहयोग से जांच में तेजी आई है और आगे इसे और तेज गति से बढ़ाया जा रहा है।

सवाल : किसी व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने का अभिप्राय क्या है ?
जवाब : दिल्ली में 27 जून से 5 जुलाई के बीच 21,387 लोगों के रक्त नमूने लेकर एंटीबॉडी की जांच की गई। इनमें 23.48 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिले हैं। एंटीबॉडी की जांच सिर्फ महामारी के प्रबंधन को समझने के लिए जरूरी है। इसका मरीज के उपचार से कोई लेना देना नहीं है।

सवाल : कोविड-19 संक्रमण से उपचार के बाद ठीक होने पर भी लोगों को कई तरह की परेशानियां और लक्षण के मामले सामने आ रहे हैं। क्या यह नई स्थिति पैदा होने वाली है ?
जवाब : कुछ शोध में ऐसी बातें सामने आई हैं, लेकिन ऐसे मामलों की संख्या काफी कम है। इतने कम मामलों के आधार पर कोई धारणा बनाना ठीक नहीं है। इस बारे में अभी अध्ययन चल रहा है। हालांकि, कोविड-19 के कारण फेफड़े आदि पर इसका प्रभाव पड़ता है। ऐसे में उपचार के बाद भी सावधानी बरतने की काफी जरूरत है।

सवाल : कोविड-19 का प्रतिरोधक टीका कब तक विकसित हो सकता है ?
जवाब : कोई भी दावे के साथ नहीं कह सकता कि यह कब तक आ जायेगा। दुनिया की 100 संस्थाएं इसके विकास कार्य में लगी हुई हैं। भारत में भी 3-4 संस्थाएं इस कार्य में जुटी हैं। टीके के विकास के बाद इसका परीक्षण तीन चरणों में होता है। इसके बाद ही अंतिम मंजूरी दी जाती है। इसलिये कोई समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। हो सकता है कि चार महीने भी लग जाएं। लेकिन उम्मीद करते हैं कि देश में जल्द टीका तैयार होगा।

सवाल : रूस ने हाल ही में कोविड-19 का टीका जारी कर दिया। यह कितना कारगर होगा ?
जवाब : रूस में टीके के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा नहीं हुआ था और उन्होंने इसे जारी कर दिया। अभी इसके प्रभाव को देखना जरूरी है। हम दुनिया की विभिन्न संस्थाओं के प्रयोगों पर भी नजर रखे हुए हैं।

Web Title: Director of National Center for Disease Control gave answers to questions related to Covid-19

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