मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह दिखाएंगे दम, 17 फरवरी से पूर्व मुख्यमंत्री के दौरे शुरू होंगे
By नईम क़ुरैशी | Published: February 15, 2023 05:44 PM2023-02-15T17:44:32+5:302023-02-15T17:48:20+5:30
एक बार फिर दिग्विजय सिंह कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए जोर लगाने वाले हैं। ये कांग्रेस के एक मात्र ऐसे नेता हैं, जिनका जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के पोलिंग तक कार्यकर्ताओं से सम्पर्क और संवाद कायम है।
भोपाल: अपनी नर्मदा परिक्रमा के बाद 2018 विधानसभा चुनाव से पहले पंगत में संगत जैसे वन टू वन कार्यक्रमों के जरिये मध्यप्रदेश में 15 साल से कांग्रेस का सूखा समाप्त करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस वर्ष होने वाले चुनाव से पहले एक बार फिर मैदान में आकर अपना दम दिखाएंगे। वे 17 फरवरी से प्रदेश के चरणबद्ध दौरे पर निकल रहे हैं। हाल ही में कश्मीर में समाप्त हुई भारत जोड़ो यात्रा से निवृत होते ही दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में 2023 विधानसभा की जमीनी कमान संभाल ली है। उनकी यात्राओं का प्रथम चरण 17 फरवरी से भोपाल जिले की बैरसिया और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के दौरे से शुरू होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश के सभी जिलों के साथ लगभग हर विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ आमजन से रूबरू होंगे। 2018 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिग्विजय सिंह ने पंगत में संगत कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया था। उनकी इस पहल से न केवल कार्यकर्ताओं में ऊर्जा आई, बल्कि आमजन तक कांग्रेस की बात पहुंची और 15 वर्ष से राज कर रही भाजपा को सूबे की सत्ता से बाहर होना पड़ा था। ये बात अलग है कि दिग्गी के दम पर सत्ता में आई कांग्रेस के कमजोर और अहंकारी नेतृत्व की वजह से भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया को बग़ावत के लिए तैयार करने में सफल हुई और 15 महीने में कांग्रेस सरकार का सूबे से पतन हो गया।
एक बार फिर दिग्विजय सिंह कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए जोर लगाने वाले हैं। ये कांग्रेस के एक मात्र ऐसे नेता हैं, जिनका जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के पोलिंग तक कार्यकर्ताओं से सम्पर्क और संवाद कायम है। यही वजह है कि दिग्विजय सिंह को कांग्रेस में उनके विरोधी लाख जतन के बावजूद टक्कर नही दे पाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की ताकत उनका तगड़ा नेटवर्क तो है ही, स्थानीय स्तर पर नेता और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बैठाने में भी वे माहिर हैं। हालांकि नेताओं ने उन्हे कई बार धोखा दिया, मगर कार्यकर्ताओं में भरोसे से दिग्विजय सिंह दूसरे कांग्रेस नेताओं पर हमेशा से भारी रहते आये हैं।
एक बार फिर सूबे की सियासत में हलचल के साथ बेबाक तरीके से भाजपा की कमियों को जन सामान्य तक पहुंचाने का जिम्मा दिग्विजय सिंह ने संभाला है। अपने दौरे में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक के साथ मंडल व सेक्टर के कार्यकर्ताओं से वन टू वन बातचीत करेंगे। विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, किसान कांग्रेस, एनएसयूआई और सभी मोर्चा पदाधिकारियों से मुलाकात होंगी।
भारत जोड़ो यात्रा से आला कमान के भरोसेमंद लोगों में दिग्विजय सिंह शीर्ष पर हैं। संभवतः उनका विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में खुलकर दौरे कर पार्टी के लिए काम करने का फैसला दिल्ली मुख्यालय की सहमति पर ही हुआ होगा। हालांकि यहां अपने को एकछत्र मानने वाले कांग्रेस नेताओं को दिग्विजय सिंह का सक्रिय होकर काम करना भी इतनी जल्दी पचने वाला नही है। क्यूंकि जब दिग्विजय सिंह विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जायेंगे तो उनके लोग सक्रिय होंगे और पहले से उन इलाकों में मौजूद अन्य गुट के नेताओं को इससे परेशानी होगी साथ ही टिकट की आस लगाए बैठे लोगों के अरमानों पर भी पानी फिर सकता है।