आर्मी चीफ बिपिन रावत के बयान को लेकर बवाल, दिग्विजय सिंह ने पूछा सवाल तो असदुद्दीन ओवैसी ने दी ये नसीहत
By स्वाति सिंह | Updated: December 26, 2019 15:19 IST2019-12-26T15:09:06+5:302019-12-26T15:19:09+5:30
भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गुरुवार को नागरितकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन पर सवाल उठाए। जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान पर निशाना साधा है।

असदुद्दीन ओवैसी ने बिपिन रावत को अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित रहने की नसीहत दी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान पर निशाना साधा है।
दिग्विजय सिंह ने सांप्रदायिक आधार पर हिंसा को लेकर विपिन रावत से सवाल पूछते हुए कहा 'नेतृत्वकर्ता वह नहीं होता है जोल लोगों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित करे। आर्मी चीफ नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन पर। मैं आपसे सहमत हूं जनरल साहब, लेकिन नेता वह भी नहीं हो सकता जो अपने अनुयायियों को सांप्रदायिक आधार पर नरसंहार के लिए भड़काए। क्या आप मुझसे सहमत हैं जनरल साहब?'
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने बिपिन रावत को अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित रहने की नसीहत देते हुए कहा 'अपने ऑफिस के प्रभाव क्षेत्र को समझना भी लीडरशिप है। यह (लीडरशिप) नागरिक की सर्वोच्चता को समझना और जिस संस्था के प्रमुख आप हैं उसकी गरिमा को ठीक से जानना भी है।'
Leadership is knowing the limits of one’s office.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 26, 2019
It is about understanding the idea of civilian supremacy & preserving the integrity of the institution that you head https://t.co/qqbxgGj72j
बता दें कि भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गुरुवार को नागरितकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा 'लोगों को भड़काना कोई लीडरशीप नहीं है। यह सच्चा नेतृत्व नहीं है। लीडर वे हैं, जो लोगों और टीम की देखभाल और सुरक्षा करते हैं। सेना को अपनी संस्कृति पर गर्व है।'
इस महीने की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों द्वारा संशोधित नागरिकता विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद से इस कानून के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं, और कहीं कहीं तो इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप भी ले लिया। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी घायल हुए और कई लोगों की मौत भी हुई। खासतौर से उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में ऐसा देखने को मिला। रावत ने अपने भाषण में कहा, “नेतृत्व यदि सिर्फ लोगों की अगुवाई करने के बारे में है, तो फिर इसमें जटिलता क्या है। क्योंकि जब आप आगे बढ़ते हैं, तो सभी आपका अनुसरण करते हैं। यह इतना सरल नहीं है। यह सरल भले ही लगता है, लेकिन ऐसा होता नहीं है।’’ उन्होंने कहा, “आप भीड़ के बीच किसी नेता को उभरता हुआ पा सकते हैं। लेकिन नेतृत्व वह होता है, जो लोगों को सही दिशा में ले जाए। नेता वे नहीं हैं जो अनुचित दिशाओं में लोगों का नेतृत्व करते हैं।”
