Dhananjay Munde: मुख्यमंत्री फडणवीस या उपमुख्यमंत्री पवार कहेंगे तो पद छोड़ने के लिए तैयार?, बीड सरपंच हत्या पर विपक्ष की मांग पर बोले धनंजय मुंडे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 29, 2025 17:56 IST2025-01-29T17:51:12+5:302025-01-29T17:56:46+5:30
Dhananjay Munde: करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

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मुंबईः बीड में सरपंच की हत्या मामले में विपक्ष द्वारा इस्तीफे की मांग के बीच महाराष्ट्र कैबिनेट के सदस्य धनंजय मुंडे ने बुधवार को कहा कि यदि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस या उपमुख्यमंत्री अजित पवार कहेंगे तो वह पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ सदस्य मुंडे, अपने गृह जिले बीड के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख के अपहरण-हत्या के बाद से आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
मुंडे ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस या उपमुख्यमंत्री अजित पवार मानते हैं कि मैं दोषी हूं, तो उन्हें मुझसे इस्तीफा मांग लेना चाहिए। मैं पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। यह उन्हें तय करना है कि मैं दोषी हूं या नहीं। मुझे पिछले 51 दिनों से निशाना बनाया जा रहा है।" खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के इस्तीफे की मांग तब फिर से उठने लगी है।
जब सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने दावा किया कि उन्होंने उनके खिलाफ पार्टी अध्यक्ष अजित पवार को "सबूत" सौंपे हैं। अजित पवार ने अब तक अपनी पार्टी और कैबिनेट सहयोगी का पुरजोर समर्थन किया है। हालांकि, मुंडे ने नैतिक आधार पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की संभावना को खारिज कर दिया।
बीड जिले के परली से विधायक ने कहा, "मेरी नैतिकता मेरे लोगों के प्रति मेरी ईमानदारी में निहित है। मैं पूरी ईमानदारी से बोलता हूं। मैं खुद को नैतिक रूप से दोषी नहीं मानता। अगर मैं दोषी हूं, तो मेरे वरिष्ठ नेता मुझे बताएंगे।" इससे पहले दिन में राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा था कि मुंडे को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का कथित तौर पर प्रयास करने पर सरपंच देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस ने हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि कराड को जबरन वसूली के मामले में हिरासत में लिया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में है। उस पर संगठित अपराध निरोधक कानून (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र सरपंच हत्याकांड मामले में धनंजय मुंडे को इस्तीफा देना चाहिए: सुले
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि बीड सरपंच हत्या मामले को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे धनंजय मुंडे को ‘नैतिकता के आधार’ पर मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की जघन्य हत्या को 50 दिन बीत चुके हैं।
लेकिन मुंडे के करीबी सहयोगी पर उंगलियां उठने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से राकांपा मंत्री को बर्खास्त नहीं किया गया है। मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। मुंडे वर्तमान में देवेंद्र फडणवीस नीत मंत्रिमंडल में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग संभाल रहे हैं।
पुलिस के अनुसार मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख को नौ दिसंबर को बीड जिले में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास करने को लेकर अगवा कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। कराड को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है और वह न्यायिक हिरासत में है।
उन्होंने कहा, ‘‘अनिल देशमुख ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोप लगने के बाद गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नवाब मलिक, छगन भुजबल को अफवाहों के आधार पर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया।’’ अनिल देशमुख, शरद पवार की पार्टी राकांपा (एसपी) से हैं, भुजबल और मलिक उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी राकांपा से हैं।
धनंजय मुंडे भी अजित पवार की पार्टी से हैं। बारामती की सांसद सुले ने दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा नीत महायुति गठबंधन के नेता भी चाहते थे कि मुंडे इस्तीफा दे दें। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं मंत्री होती और मेरी पार्टी 50 दिनों तक इस तरह सुर्खियों में रहती तो मैं नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देती। मैं पीछे हट जाती और अपनी पार्टी से कहती कि मैं पार्टी को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए आई हूं, न कि अपनी पार्टी को इस तरह नुकसान पहुंचाते हुए देखना चाहती हूं।’’
सुले ने कहा, ‘‘लाभ का पद संबंधी आरोपों के बाद सोनिया गांधी ने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। वह मंत्री भी नहीं थीं।’’ कांग्रेस नेता एवं तत्कालीन सांसद सोनिया गांधी पर आरोप था कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष होने के नाते वह लाभ के पद पर है। आरोप लगाने के बाद सोनिया गांधी ने 2006 में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।