देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, 'बाबरी मस्जिद तोड़ी गई तो मैं वहां था, कोई शिवसैनिक नहीं था'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 1, 2022 10:33 PM2022-05-01T22:33:51+5:302022-05-01T22:45:45+5:30
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पूरे दावे के साथ कहा कि जब 6 दिसंबर 1992 अयोध्या में विवादित ढांचे के गिराया गया तो उस वक्त वो वहीं पर मौजूद थे और वहां पर एक भी शिव सैनिक नहीं था।
मुंबई: महाराष्ट्र में गठबंधन सत्ता पर काबिज शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच रोजाना बढ़ती तकरार उस समय चरम पर पहुंच गई, जब शिवसेना और दिवंगत बाल ठाकरे के कथित दावे के उलट पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कह दिया कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों द्वारा बाबरी मस्जिद गिराई गई तो वह वहीं मौजूद थे और वहां पर कोई शिवसैनिक नहीं था।
भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने रविवार को पूरे दावे के साथ कहा कि जब विवादित ढांचे के गिराया गया तो उस वक्त वहां कोई शिव सैनिक मौजूद नहीं था। इसके साथ ही फड़नवीस ने इस बात का भी दावा किया कि राम मंदिर निर्माण के दौरान 'कार सेवा' करते हुए वह 18 दिनों तक यूपी की बदायूं जेल में बंद रहे।
एक रैली को संबोधित करते हुए दरअसल देवेंद्र फड़नवीस मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस आरोप का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने पूछा था कि 90 के दशक में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के कुछ हिस्सों को तोड़ा गया था, तब भाजपा नेता कहां थे।
उद्धव ठाकरे के इसी बयान पर हमलावर रूख अख्तियार किये फड़नवीस ने कहा, "उन्होंने पूछा कि जब बाबरी मस्जिद को गिराया गया तो हम कहां थे अरे जब मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को कहा गया तो वो किस डर से छुप रहे हैं। आज वो दावा कर रहे हैं कि बाबरी मस्जिद को उन्होंने गिराया।"
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, "मैं पूरे गर्व के साथ कह रहा हूं कि, हां, मैंने विवादित गिराने के लिए कहा था। इतना ही नहीं मैंने उससे पहले कार सेवा करके बदायूं जेल में 18 दिनों की जेल भी काटी थी और वो सब मैंने राम मंदिर के लिए किया था।"
सूबे की महाविकास अघाड़ी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अब तो महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा का पाठ करना भी देशद्रोह की तरह हो गया है। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)