जूनियर पोस्ट स्वीकार करने वाले महाराष्ट्र के चौथे पूर्व मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फड़नवीस, जानिए बाकी 4 नेताओं के बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 1, 2022 11:48 AM2022-07-01T11:48:21+5:302022-07-01T11:50:15+5:30
देवेंद्र फड़नवीस ने गुरुवार को चौंकाने वाली घोषणा करते हुए कहा था कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे और वह खुद (फड़नवीस) मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे। हालांकि, बाद में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि फड़नवीस इस सरकार का हिस्सा होंगे और फड़नवीस ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
मुंबई: एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इसके साथ देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र के ऐसे चौथे नेता हो गए, जिन्होंने मुख्यमंत्री रहने के बाद किसी सरकार में जूनियर (कनिष्ठ) पद स्वीकार किया है।
बता दें कि देवेंद्र फड़नवीस ने गुरुवार को चौंकाने वाली घोषणा करते हुए कहा था कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे और वह खुद (फड़नवीस) मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे। हालांकि, बाद में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि फड़नवीस इस सरकार का हिस्सा होंगे और फड़नवीस ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उल्लेखनीय है कि फड़नवीस 2014 से 2019 तक पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहे थे।
वहीं, 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद जब शिवसेना का भाजपा से गठजोड़ टूट गया, फड़नवीस अजीत पवार के नेतृत्व वाले राकांपा विधायकों के एक समूह के समर्थन से फिर से मुख्यमंत्री बने लेकिन आवश्यक संख्या बल नहीं जुटा पाने के चलते तीन दिनों के अंदर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया। एक पूर्व मुख्यमंत्री का किसी सरकार में कनिष्ठ पद स्वीकार करना शायद ही देखने को मिलता है। लेकिन महाराष्ट्र में पूर्व में ऐसी स्थिति देखने को मिली है।
कांग्रेस नेता शंकरराव चव्हाण 1975 में मुख्यमंत्री बने थे और वसंतदादा पाटिल द्वारा उनकी जगह लेने से पहले वह दो साल पद पर रहे थे। 1978 में शरद पवार (पाटिल कैबिनेट के मंत्री) ने सरकार गिरा दी और मुख्यमंत्री बन गए। पवार नीत प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार में चव्हाण वित्त मंत्री बने। शिवाजीराव पाटिल नीलांगकर जून 1985 से मार्च 1986 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे। कई वर्षों बाद वह 2004 में सुशील कुमार शिंदे सरकार में राजस्व मंत्री रहे। नारायण राणे, शिवसेना में रहने के दौरान, 1999 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे और एक साल से भी कम समय तक पद पर रहे थे। बाद में वह शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। वह विलासराव देशमुख सरकार में राजस्व मंत्री बने।