हरिद्वार, प्रयागराज में बढ़े डेंगू के मरीज, स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर, यूपी में बच्चों के कफ सिरप की बिक्री पर रोक
By अनिल शर्मा | Published: October 12, 2022 10:47 AM2022-10-12T10:47:02+5:302022-10-12T11:15:41+5:30
डेंगू मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए बीते दिनों यूपी के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सरकारी अस्पतालों को 10-10 बिस्तर डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया था।
लखनऊः बारिश के बाद राज्य सरकारों के लिए डेंगू सबसे बड़ी चुनौती खड़ी कर देती है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। हरिद्वार में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। वहीं प्रयागराज में भी डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
डेंगू मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए बीते दिनों यूपी के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सरकारी अस्पतालों को 10-10 बिस्तर डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया था।
बृजेश पाठक ने कहा था, “हमने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देश दिया है कि जिन मोहल्लों से डेंगू के मामले आ रहे हैं, वहां जांच कराएं और चिकित्सा अधिकारी जरूरत पड़ने पर ऐसे मरीजों को भर्ती करें और हर सरकारी अस्पताल में 10-10 बिस्तर आरक्षित कर डेंगू से निपटने की दिशा में काम करें।”
इस बीच तेज बहादुर सप्रु चिकित्सालय की सीएमएस शारदा चौधरी ने बताया, "डेंगू के लिए हमने 90 बेड बना रखे थे, 10 बेड और बढ़ाए गए हैं। कुल 86 मरीज हमारे यहां हैं।" वहीं हरिद्वार नगर निगम आयुक्त दयानंद सरस्वती ने कहा, "हम जागरूकता अभियान चला रहे हैं। लोगों के घरों में कूलर और नालियों की जांच हो रही है, चालान किए गए हैं। हम रोज स्प्रे और फॉगिंग कर रहे हैं।"
उधर, डेंगू के मामले पर मिर्जापुर की DM दिव्या मित्तल ने कहा है कि डेंगू के लिए हमारे पास पहले 97 बेड थे लेकिन कल 47 बेड और बढ़ा दिए गए हैं। अगर और मरीज आते हैं तो उसके लिए 50 और बेड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। दवाइयों के 2000 किट भी तैयार है। अस्पताल में अभी 100 मरीज भर्ती हैं।
कफ सिरप की बिक्री पर फिलहाल रोक
बृजेश पाठक ने बच्चों के कफ सिरप के मामले में कहा, “हिंदुस्तान में बने कफ सिरप को लेकर कुछ आपत्ति आई है। हमने उन सभी कफ सिरप जिनको लेकर विवाद है या जो इस प्रकरण में सामने आए हैं, सभी की जांच कर 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट और तीन दिन में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।” उन्होंने कहा, “सरकार उत्तर प्रदेश में ऐसे किसी भी कफ सिरप की बिक्री की अनुमति नहीं देगी जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।”