CAA का विरोध: बंगाल में जनजीवन हुआ सामान्य, कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बहाल

By भाषा | Published: December 19, 2019 12:12 AM2019-12-19T00:12:53+5:302019-12-19T00:12:53+5:30

दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर के अंदर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में जादवपुर विश्वविद्यालय और सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्रों का धरना तीसरे दिन भी जारी रहा।

Demonstration of citizenship law: normal life in Bengal, internet restored in some areas | CAA का विरोध: बंगाल में जनजीवन हुआ सामान्य, कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बहाल

CAA का विरोध: बंगाल में जनजीवन हुआ सामान्य, कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बहाल

नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में बुधवार को भी प्रदर्शन जारी रहा, हालांकि हिंसा की कोई बड़ी खबर नहीं है। राज्य में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बहाल हो गई हैं।

मुर्शिदाबाद, मालदा और उत्तरी दिनाजपुर के अशांत इलाकों में इंटरनेट सेवाएं आंशिक तौर पर बहाल हो गई हैं। उत्तरी 24 परगना में बशीरहाट और बारासात और दक्षिणी 24 परगना में कैनिंग में सेवाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि, इंटरनेट सेवाएं हावड़ा में बंद रहीं।

नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद रविवार से इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। भाजपा के दो प्रतिनिधिमंडल जब मालदा और मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जा रहे थे, तब उन्हें पुलिस ने रोक दिया।

सांसद निशीथ प्रामाणिक और खगेन मुर्मू को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्त्व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांसद सौमित्र खान कर रहे थे, जिन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने उनके खिलाफ ‘‘वापस जाओ’’ के नारे लगाए।

विजयवर्गीय को नबग्राम और मौरग्राम में रोक दिया गया, जिन्होंने कहा, ‘‘हमें क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं थी। पुलिस कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है। घुसपैठियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और हमारे काफिले पर हमला करने की कोशिश की। पुलिसकर्मी सिर्फ मूकदर्शक बने रहे।’’

इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार तीसरे दिन सड़कों पर उतरीं। उन्होंने हावड़ा मैदान से कोलकाता के एस्प्लेनेड तक एक विशाल रैली का नेतृत्व किया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर प्रहार करते हुए कहा कि उनका काम देश में आग लगाना नहीं, बल्कि इसे शांत करना है।

उन्होंने सोमवार और मंगलवार को भी इस कानून के विरोध में मार्च किया था। उत्तर दिनाजपुर जिले में, नागरिकता कानून के खिलाफ निकाले गए एक विरोध मार्च में देशी बम फेंके जाने से पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि वह इस मामले की जांच कर रही है।

सड़क और रेल सेवाएं बाधित किए जाने की घटनाओं की वजह से पिछले कुछ दिनों से राज्य की परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। राज्य भर में नागरिकता कानून के खिलाफ कई प्रदर्शन और धरना आयोजित किए गए।

दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर के अंदर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में जादवपुर विश्वविद्यालय और सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्रों का धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। पुलिस ने राज्यभर में सुरक्षा कड़ी कर दी है और हिंसा के लिए अभी तक करीब 354 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनें भी निलंबित की गई हैं। भाषा कृष्ण सुभाष सुभाष

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