दिल्ली के उप स्वास्थ्य सचिव ने डेटा का परीक्षण करने के लिए आरटी-पीसीआर ऐप का उपयोग नहीं करने के लिए सर गंगाराम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि अस्पताल ने एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशन 2020 का उल्लंघन किया है।
यह एफआईआर आईपीसी की धारा 154 के तहत दर्ज कराई गई है। आरोप है कि अस्पताल अपनी क्षमता के मुताबिक लोगों को सुविधाएं नहीं दे रहा है। उसपर भर्ती न करने और बेडों की कालाबाजारी का आरोप लगाया गया है।
दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्राइवेट अस्पतालों को चेतवानी दी थी कि आप गलत हरकत कर रहे हैं, अस्पताल पहले शिकायत करते थे कि बेड नहीं है। ज्यादा कहने पर 20 से 50 हजार की मांग करते थे। उन्होंने कहा ऐसी ही शिकायतों के समाधान के लिए दिल्ली सरकार ने ऐप लॉन्च किया है। हमने ऐप में सारी जानकारी दे दी है कि कहां बेड उपलब्ध हैं और कहां नहीं, लेकिन लोग ऐसे टूट पड़े जैसे कि हमने यह जानकारी देकर गड़बड़ी कर दी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने कहा था, "देश में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट दिल्ली में हो रहे हैं। कुछ चंद निजी अस्पताल इस महामारी के दौरान बेड की कालाबाजारी कर रहे हैं। पिछले मंगलवार को हमने एक ऐप लॉन्च किया था, जिसमें बेड की जानकारी सार्वजनिक थी। सभी निजी अस्पताल गलत नहीं कर रहे, कुछ चंद अस्पताल गलत हरकत कर रहे हैं। इस ऐप में सभी अस्पतालों की सूची डाली गई है ताकि आम लोगों को खाली बेड की जानकारी मिल सके।"
केजरीवाल ने आगे कहा, "निजी अस्पताल धमकी दे रहे हैं तो उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि आपको कोरोना मरीजों का इलाज करना होगा। ऐसे निजी अस्पतालों की सूची बनाई जा रही है। हमारी टीम इस पर काम कर रही है। 20 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए खाली रखने ही होंगे।"
दिल्ली में कोरोना वायरस की चपेट में 26 हजार से ज्यादा लोग
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में अब तक 26334 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 708 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली अब तक 10315 लोग इस महामारी से ठीक हो चुके हैं और कोरोना के 15311 एक्टिव केस मौजूद हैं।