दिल्ली हिंसा पर बोले गृहमंत्री अमित शाह- 700 पर FIR, 1922 लोगों की पहचान, पुलिस पर आरोप मत लगाइये

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 12, 2020 06:46 PM2020-03-12T18:46:26+5:302020-03-12T19:38:15+5:30

सीसीटीवी फुटेज की 25 से ज्यादा कम्प्यूटरों पर जांच हो रही है हिंसा को रोकने में दिल्ली पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने हिंसा को पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। शाह ने कहा कि कि दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही।

Delhi violence Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha The culprits, they may be of any religion, caste or party | दिल्ली हिंसा पर बोले गृहमंत्री अमित शाह- 700 पर FIR, 1922 लोगों की पहचान, पुलिस पर आरोप मत लगाइये

शाह ने कहा कि इस मामले में 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और 2,647 लोग हिरासत में लिए गए हैं।

Highlightsइस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी धर्म, जाति या पार्टी से जुड़ा हो।दंगा करने की हिमाकत की है, वे लोग कानून की गिरफ्त से इधर-उधर एक इंच भी भाग नहीं पाएंगे।

दिल्लीः राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं। शाह ने कहा कि किसी जाति, धर्म या पार्टी का दंगाई बख्शा नहीं जाएगा। 

अमित शाह ने राज्यसभा में कहा में कहा कि दिल्ली हिंसा को लेकर 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी है, तेजी से कार्रवाई की जा रही है। दंगों में शामिल 1922 लोगों की अब तक पहचान की गई। गृह मंत्री ने कहा कि मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाता हूं कि दंगो के लिए जिम्मेदार लोग और दंगों का षड्यंत्र करने वाले लोग, चाहे वे किसी भी जाति, मजहब या पार्टी के हो, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि दोनों पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वाले गिरफ्तार किए गए। एनपीआर को लेकर किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं। सीएए आने के बाद नफरत फैलाने वाले भाषण शुरू हुए, मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा। अमित शाह ने कहा कि विदेश से आए पैसे दिल्ली में बांटे गए थे और दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। पहचान किए गए लोगों का ब्यौरा हमारे पास उपलब्ध हो चुका है और उन्हें पकड़ने के लिए 40 से अधिक विशेष दलों का गठन किया गया है।

दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है। ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दंगों में जो हथियार उपयोग हुए थें उनमें से लगभगसवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं। 25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी। 26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैले इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी।

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा को ‘‘सुनियोजित षड्यंत्र’’ करार देते हुए कहा कि वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी धर्म, जाति या पार्टी से जुड़ा हो। दिल्ली हिंसा पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने दंगों में मारे गये लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए कहा, ‘‘मैं सदन के माध्यम से दिल्ली और देश की जनता को कहना चाहता हूं कि जिन्होंने भी दंगा करने की हिमाकत की है, वे लोग कानून की गिरफ्त से इधर-उधर एक इंच भी भाग नहीं पाएंगे।’’

उन्होंने देश के लोगों एवं राजनीतिक दलों को निष्पक्ष जांच का अश्वासन देते हुए कहा कि यह (जांच) पूरे देश के लिये एक सबक होगी कि दंगा करने वालों का अंजाम क्या होता है। शाह ने कहा कि दंगों में जिनकी सम्पत्ति का नुकसान हुआ है, इस संबंध में सरकार ने एक दावा निस्तारण आयोग गठित करने के लिये दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। उच्च न्यायालय से एक न्यायाधीश का नाम देने का आग्रह किया है। शाह ने कहा कि इस मामले में 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और 2,647 लोग हिरासत में लिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की 25 से ज्यादा कम्प्यूटरों पर जांच हो रही है हिंसा को रोकने में दिल्ली पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने हिंसा को पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। शाह ने कहा कि कि दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही।

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की सबसे पहली जिम्मेदारी हिंसा को रोकने की थी। कुछ विपक्षी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को दोपहर दो बजे के आसपास हिंसा की घटना की पहली सूचना मिली और अंतिम सूचना 25 फरवरी 11 बजे मिली, यानी ज्यादा से ज्यादा 36 घंटे हिंसा चली। शाह ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में हिंसा को रोकने का काम किया और इसे फैलने की आशंका को शून्य कर दिया।’’

गृह मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘36 घंटे में जो हुआ, उसे मैं नजरंदाज नहीं कर रहा। 50 से ज्यादा लोग मारे गये और हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ जो छोटी बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली दंगों के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कोई निर्दोष परेशान नहीं होगा। इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से जांच हो रही हैं।’’ शाह ने कहा कि हमने लोगों से, मीडिया से कहा है कि यदि उनके पास दंगों का कोई फुटेज है तो वे पुलिस को दें।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कहते हुए आनंद है कि दिल्ली की जनता ने पुलिस को हजारों की तादाद में वीडियो भेजे हैं। मुझे आशा है कि अंकित शर्मा की हत्या का खुलासा भी उन्हीं वीडियो में से बाहर आने वाला है।’’ उन्होंने कहा कि आईटी कानून के तहत 25 मामले दर्ज किये गए हैं और 60 ऐसे सोशल मीडिया एकाउंट की जांच चल रही है जो दंगा शुरू होने से पहले शुरू हुए और बाद में बंद हो गए। 

गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि दिल्ली हिंसा के सिलसिले में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा और दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी धर्म या पार्टी का होगा, उसको नहीं छोड़ा जाएगा। शाह ने उच्च सदन में दिल्ली के कुछ भागों में हाल की कानून और व्यवस्था की स्थिति पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों से जुड़े मामलों की वैज्ञानिक, प्रामाणिक तरीके से जांच कर रही है। मामलों की तेजी से जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी पक्ष, किसी धर्म, किसी पार्टी या किसी जाति का हो, उसको छोड़ा नहीं जाएगा एवं किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा। शाह ने दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में सरकार के चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, लोगों को उनके स्थानों पर फिर से बसाने के लिए, घायलों के उपचार के लिए और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए चर्चा का समय मांगा गया।

उन्होंने कहा कि दंगों के बाद 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी प्राथमिकी के लिए कहा, उसकी शिकायत दर्ज की गयी। पुलिस ने किसी को भी मना नहीं किया। उन्होंने कहा कि 12 थानों के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त किये गये हैं। शाह ने कहा कि 2647 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विज्ञापन देकर जनता से इन घटनाओं से जुड़े वीडियो और फुटेज मांगे थे। उन्होंने कहा कि वीडियो में लोगों की पहचान के लिए आधार कार्ड का उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस को यह अधिकार मिलना चाहिए कि जिसने दंगा किया, उसके बारे में वैज्ञानिक साक्ष्य अदालत में पेश किए जा सकें।

उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था। लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 50 गंभीर मामलों की जांच तीन एसआईटी करेगी। इनको डीआईजी एवं आइजी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में किया जाएगा। शाह ने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किये गये 125 हथियार जब्त किये गये हैं।

दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगे रोकने का प्रयास किया गया। 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होंने कहा कि 24 तारीख के पहले ही हमारे पास यह सूचना आ चुकी थी कि विदेश और देश से आये गये पैसे दिल्ली में बांटे गए। इस संबंध में दिल्ली पुलिस जल्द ही घोषणा करेगी। पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी बच नहीं सकता। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें पाताल से भी ढूंढ कर लायेंगे और कानून के सामने खड़ा करेंगे।’’

Web Title: Delhi violence Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha The culprits, they may be of any religion, caste or party

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