दिल्ली: नांगलोई पुलिस स्टेशन के बाहर शख्स सम्प्रदाय विशेष के खिलाफ लगाए धमकी भरे नारे, स्वाति मालीवाल ने वीडियो शेयर पुलिस पर उठाए सवाल

By अंजली चौहान | Published: August 2, 2023 03:47 PM2023-08-02T15:47:48+5:302023-08-02T15:51:15+5:30

वीडियो में दिख रहा शख्स दिल्ली में मुसलमानों का 'उत्तराखंड जैसा बहिष्कार' करने की भी मांग कर रहा है।

Delhi Threatening slogans raised against a muslim community outside the Nangloi police station Swati Maliwal raised questions on the video shared by the police | दिल्ली: नांगलोई पुलिस स्टेशन के बाहर शख्स सम्प्रदाय विशेष के खिलाफ लगाए धमकी भरे नारे, स्वाति मालीवाल ने वीडियो शेयर पुलिस पर उठाए सवाल

फोटो क्रेडिट- ट्विटर

Highlightsनांगलोई थाने के बाहर लगे मुस्लिम विरोधी नारे स्वाति मालीवाल ने शेयर किया वीडियोस्वाति मालीवाल ने पुलिस ने कार्रवाई की मांग की

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के नांगलोई पुलिस स्टेशन के बाहर का एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स भगवा कुर्ता पहने भीड़ को संबोधित कर रहा और उन्हे भड़का रहा है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स कैसे मुसलमानों के प्रति नफरत भरे नारे लगा रहा है और यह सब पुलिस स्टेशन के बाहर ही हो रहा। हैरान करने वाले वीडियो पर खुद दिल्ली की महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया। स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े किए।

डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने क्लिप साझा करते हुए पूछा, "नांगलोई पुलिस स्टेशन के ठीक बाहर खड़े होकर 'सड़कों पर खून बहाने' का भाषण दिया जा रहा है। क्या दिल्ली पुलिस सो रही है?" अब तक मणिपुर और हरियाणा हिंसा का शिकार हो चुका है, अब क्या दिल्ली को भी शिकार बनने दिया जाएगा? एक तरफ पुलिस कह रही है कि अगर कोई कुछ गलत करेगा तो कार्रवाई करेगी? इस आदमी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?"

स्वाति मालीवाल ने सख्त लहजे में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने मांग की कि इस वीडियो की जांच की जाए और अगर यह सच्ची वीडियो है तो आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो। 

क्या है वायरल वीडियो में?

दरअसल, वायरल वीडियो में नांगलोई थाने के बाहर काफी लोगों की भीड़ जमा है।इसी भीड़ में एक शख्स ने माइक पकड़ा हुआ है और वह कह रहा है कि मुसलमानों का 'उत्तराखंड जैसा बहिष्कार' करने की जरूरत है। भीड़ को "खून बहेगा सदको पे" (सड़कों पर खून बहेगा) के नारे लगाते हुए भी सुना जा सकता है।

शख्स कहा रहा है, "हमारे इलाके में किराए पर रहने वाले जो भी लोग इस्लामी और कट्टरपंथी हैं, हम उन्हें बाहर निकाल देंगे। 1947 में पाकिस्तान अस्तित्व में आया और कहा गया कि बाकी लोग वहां जाकर रहेंगे। इस देश में शांति से रहने के लिए, रहने की अपील की गई थी जिसने भी शांति भंग की है, क्या आप उन्हें उत्तराखंड की तरह बाहर फेंकोगे या नहीं?"

वीडियो मंगलवार का बताया जा रहा है जिसमें भीड़ 'हिंदू हित का हनन हुआ तो, खून बहेगा सड़कों पर' का नारा लगा रही है। इसके अलावा मुसलमानों को बाहर निकालने और उनका आर्थिक रूप से बहिष्कार करने की कसम खाती हुई दिखाई दे रही है। 

मुहर्रम के दौरान नांगलोई में हुई थी हिंसा 

जानकारी के मुताबिक, मुसलमानों के प्रमुख पर्वों में से एक मुहर्रम हाल ही में मनाया गया, इस दौरान सड़कों पर लम्बा जुलूस निकाला जाता है। नांगलोई में इसी दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसके बाद सड़कों पर पथराव किया गया। पुलिस के मुताबिक, घटना जुलूस निकालने वाले पक्ष के कारण हुई क्योंकि उनके लिए जो रूट पहले से तय किया गया था उन्होंने वह नहीं अपनाया औक दूसरे रूट पर चले गए।

इसके बाद पुलिस ने जब जुलूस को रोकने की कोशिश कि तो कुछ उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते जुलूस में हिंसा भड़क गई। इस घटना से सड़क के चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। पथरबाजों के हमले में कई सरकारी बसों पर पत्थरबाजी की गई कई लोग इसमें घायल हुए है।

वहीं, 10 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बी सूचना है। इस हिंसा के कुछ रोज बाद अब एक बार फिर नांगलोई से एक ऐसा वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। स्वाति मालीवाल ने इस पर जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि फिर से कोई दंगा न भड़क सके।

उत्तराखंड के पुरोला की घटना

इससे पहले, उत्तराखंड के पुरोला शहर में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था, जहां रिपोर्टें सामने आईं कि जून में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में कई मुस्लिम निवासियों को शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। जबकि कुछ मुस्लिम परिवार वापस लौट आए, अन्य ने अपने घर बेचने के लिए रख दिए और कुछ वापस नहीं लौटे।

दो युवकों द्वारा एक नाबालिग (15 वर्षीय) हिंदू लड़की के अपहरण के कथित प्रयास की घटना के बाद तनाव पैदा हो गया। इस मामले में एक आरोपी उबैद नाम का मुस्लिम था और दूसरा जितेंद्र सैनी नाम का हिंदू था। स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस को सौंप दिया और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। 

हालाँकि, दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और कथित तौर पर कुछ मुस्लिम परिवारों के घरों के बाहर शहर छोड़ने के पोस्टर लगाए गए।

समूहों ने 15 जून को एक महापंचायत का भी आह्वान किया था, जिसे रद्द कर दिया गया था और उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी उत्तराखंड सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे।

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