दिल्ली: नाबालिग रेप पीड़िता से मिलने पहुंची स्वाति मालीवाल, अस्पताल प्रशासन ने नहीं दी अनुमति तो धरने पर बैठी DWC चीफ

By अंजली चौहान | Published: August 22, 2023 09:59 AM2023-08-22T09:59:37+5:302023-08-22T10:24:47+5:30

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार के एक अधिकारी द्वारा बलात्कार और गर्भवती होने की शिकार नाबालिग को मिलने से इनकार करने के खिलाफ अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया।

Delhi Swati Maliwal reached to meet minor rape victim DWC chief sat on dharna when hospital administration did not give permission | दिल्ली: नाबालिग रेप पीड़िता से मिलने पहुंची स्वाति मालीवाल, अस्पताल प्रशासन ने नहीं दी अनुमति तो धरने पर बैठी DWC चीफ

फोटो क्रेडिट- ट्विटर

Highlightsदिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अस्पताल में बिताई रात रेप पीड़िता से न मिलने पर धरने पर बैठी उनका आरोप है कि नाबालिग से उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नाबालिग के साथ रेप का मुद्दा गरमाता जा रहा है। सरकार के अफसर पर रेप का आरोप लगने के बाद से इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है।

इस बीच, दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल बलात्कार पीड़िता से मिलने के लिए अस्पताल पहुंची लेकिन उन्हें पीड़िता से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।

बताया जा रहा है कि अस्पताल ने स्वाति मालीवाल को पीड़िता से मिलने नहीं दिया और उन्हें नाबालिग के पास जाने तक नहीं दिया गया। इसके बाद डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष अस्पताल में ही धरने पर बैठ गईं। 

इस दौरान की उनकी तस्वीरें और वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि महिला आयोग चीफ जमीन पर बैठी हुई हैं। एक वीडियो में वह अधिकारी के साथ बहस करती हुई दिखाई दे रही हैं। वहीं, उन्होंने पीड़िता से मिलने की इजाजत के बाद सारी रात अस्पताल के फर्श पर बिता दी। वह रात में वहीं धरना प्रदर्शन पर बैठी रही। 

महिला पैनल ने एक बयान में कहा, "अस्पताल के निदेशक डीसीडब्ल्यू प्रमुख से मिलने आए और उन्हें बताया कि दिल्ली पुलिस के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अस्पताल के अंदर हैं और उन्हें निर्देश दिया था कि उन्हें पीड़िता से न मिलने दिया जाए।”

राजनीति करो पर बेटियों पर नहीं: स्वाति मालीवाल 

दिल्ली महिला प्रमुख ने पीड़िता से न मिलने पर नाराजगी जताते हुए एक्स पर ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "मिलने नहीं आती तो बोलते मिलने नहीं आयी। मिलने आयी तो मिलने नहीं दे रहे और बोल रहे है ड्रामा कर रही है। किस हद्द तक राजनीति गिर चुकी है की नेताओं की सही को सही बोलने की क्षमता ही ख़त्म हो चुकी है। राजनीति करो, खूब करो पर बेटियों पे नहीं!"

मालीवाल ने हैरानी व्यक्त किया कि दिल्ली पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने के आठ दिन बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा, "यहां तक ​​कि मुझे दिल्ली पुलिस के कहने पर पीड़िता से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। मैं पीड़िता से मिलूंगी और हर संभव सहायता प्रदान करूंगी।"
 
मालीवाल ने मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे न तो मुझे लड़की से मिलने दे रहे हैं और न ही उसकी मां से। मुझे समझ नहीं आ रहा कि पुलिस मुझसे क्या छिपाना चाहती है।

मुझे बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को लड़की की मां से मिलने की अनुमति दी गई थी। जब एनसीपीसीआर अध्यक्ष मां से मिल सकते हैं तो डीसीडब्ल्यू प्रमुख को इसकी अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है?

एक्स पर ट्वीट के जरिए मालीवाल ने लिखा," कल दोपहर 12 बजे से मैं पीड़ित लड़की या उसके परिवार से मिलने के लिए अस्पताल के बाहर बैठी हूं। रात को अस्पताल के बाहर सोये। एनसीपीसीआर को लड़की की मां से मिलवाया जा सकता है, तो मुझे रुकने के लिए क्यों कहा गया है? आप क्या छुपाने की कोशिश कर रहे हैं?

दरअसल, दिल्ली सरकार के एक अधिकरी पर नाबालिग के साथ रेप का आरोप लगा है। इस मामले में अधिकारी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारी को पद से निलंबित कर दिया है। 

जानकारी के अनुसार, नाबालिग सरकारी अफसर की बेटी का जिनका निधन साल 2020 अक्टूबर में हो गया था। पिता की मौत के बाद आरोपी अधिकारी जो पिता का दोस्त है वह बच्ची को अपने घर ले आया।

हालांकि, उसने बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म किया और इस काम में उसकी पत्नी ने भी उसका साथ दिया। जब लड़की कथित तौर पर गर्भवती हो गई, तो उसने आरोपी की पत्नी को सूचित किया, जिसने तब निर्देश दिया उसके बेटे ने गर्भावस्था समाप्ति के लिए दवाइयाँ खरीदीं, जो लड़की को दी गईं।

जनवरी 2021 में लड़की अपनी माँ के साथ घर लौट आई। इस दौरान लड़की को एंजायटी का अटैक आया जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। नाबालिग ने अस्पताल में डॉक्टरों को अपनी आपबीती बताई। इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस को मामले की सूचना दी। 

मालूम हो कि सोमवार को दिल्ली पुलिस ने सरकारी अधिकारी प्रेमोदय खाखा (51) और उनकी पत्नी सीमा रानी (50) को गिरफ्तार कर लिया। 

बता दें कि सोमवार को ही अधिकारी को निलंबित किया गया। एक अधिकारी के अनुसार, केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के नियम 10 के उप-नियम (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सहायक निदेशक प्रेमोदय खाखा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। यह आदेश अधिकारी पर नाबालिग से कथित तौर पर बलात्कार करने का मामला दर्ज होने के बाद आया है।

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