दिल्ली दंगे: अदालत ने पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने के आरोपी को छिपाने के मामले में व्यक्ति को दोषी ठहराया

By भाषा | Updated: December 10, 2021 15:24 IST2021-12-10T15:24:28+5:302021-12-10T15:24:28+5:30

Delhi riots: Court convicts man for concealing pistol accused of pointing a policeman | दिल्ली दंगे: अदालत ने पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने के आरोपी को छिपाने के मामले में व्यक्ति को दोषी ठहराया

दिल्ली दंगे: अदालत ने पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने के आरोपी को छिपाने के मामले में व्यक्ति को दोषी ठहराया

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान एक पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान को छिपाने के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया है। इस व्यक्ति ने आरोपी को शरण देने का अपराध स्वीकार कर लिया था।

पुलिस के अनुसार, पठान ने दंगों के दौरान 24 फरवरी 2020 को ‘‘हत्या के इरादे से’’ हेडकांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तान दी थी।

इस घटना की तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद पठान फरार हो गया था जिसे तीन मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से एक बस अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।

पुलिस ने दावा किया कि पठान ने फरार होने के बाद दोषी कलीम अहमद के शामली स्थित घर में शरण ली थी, जिसकी पुष्टि दोनों के मोबाइल फोन की लोकेशन से हुई।

संबंधित मामले के अनुसार, पठान 26-27 फरवरी से तीन मार्च की रात तक अहमद के घर पर रहा। अहमद ने दंगा आरोपी की नया मोबाइल फोन खरीदने में भी मदद की थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सात दिसंबर को उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 216 (हिरासत से भागे किसी अपराधी को शरण देना) के तहत आरोप तय किए थे।

न्यायाधीश ने उल्लेख किया, "उसे उसके वकील की उपस्थिति में हिंदी भाषा में आरोप के बारे में बताया गया और आरोपी ने स्वेच्छा से अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वीकार कर लिया।"

उन्होंने कहा, "चूंकि आरोपी ने भादंसं की धारा 216 के तहत अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वेच्छा से स्वीकार किया है, इसलिए उसे दोषी ठहराया जाता है और तदनुसार उसे भादंसं की धारा 216 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है।"

न्यायाधीश उसे सजा देने के मुद्दे पर 16 दिसंबर को दलीलें सुनेंगे। इस धारा के तहत अधिकतम सजा के रूप में सात साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

इस बीच, पठान सहित मामले के पांच अन्य आरोपियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया और मुकदमा लड़ने की बात कही। पठान के खिलाफ दंगे और हत्या के प्रयास के आरोप तय किए गए हैं।

न्यायाधीश ने उल्लेख किया कि दहिया द्वारा दिए गए बयान में पुलिसकर्मी की "हत्या का इरादा" स्पष्ट रूप से बताया गया है और कहा गया है कि पठान ने उसके सिर पर निशाना साधा तथा गोली चलाई लेकिन वह भागने में सफल रहा।

फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और विरोधियों के बीच सांप्रदायिक झड़पों के बाद दंगा भड़क उठा था जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे।

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