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दिल्ली दंगे : अदालत ने मंडोली जेल अधिकारियों से इशरत को धमकाने वाले कैदियों का वार्ड बदलने को कहा

By भाषा | Updated: December 23, 2020 21:25 IST

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नयी दिल्ली, 23 दिसंबर दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को मंडोली जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन कैदियों का वार्ड बदल दें, जिन्होंने कथित तौर पर उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में सख्त गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत गिरफ्तार इशरत जहां को धमकी दी थी।

इसके साथ ही अधिकारियों को पूर्व कांग्रेसी पार्षद जहां की सुरक्षा से संबंधित सभी मामलों की निगरानी करने को कहा गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि जेल का प्रभारी होने के नाते जेल अधीक्षक को जेल में बंद कैदियों की सभी चिंताओं/सुरक्षा मामलों का निस्तारण तत्परता से गंभीरतापूर्वक करना चाहिए।

जहां ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि मंडोली जेल में कैदियों द्वारा उसे बुरी तरह पीटा गया और उसे जेल में लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।

अदालत ने बुधवार को अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता/आरोपी इशरत जहां के मुताबिक, जेल में उसे श्वेता, गुलशन और पूजा गोल्डन नाम की कुछ महिला कैदियों से प्रताड़ना, धमकी और मारपीट का सामना करना पड़ रहा है। इशरत जहां द्वारा दिये गए घटना के विवरण और आशंकाओं पर विचार करते हुए संबंधित जेल अधीक्षक को निर्देश दिया जाता है कि आरोपी इशरत जहां की सुरक्षा का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए।”

आदेश में कहा गया, “आरोपी इशरत जहां को कथित तौर पर धमकाने वाले अन्य कैदियों का वार्ड बदला जाना चाहिए और जेल अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से आरोपी इशरत जहां की सुरक्षा से संबंधित मामलों और उसे धमकाने वाले अन्य कैदियों की गतिविधियों की निगरानी रखनी चाहिए। यह दोहराये जाने की जरूरत है कि जेल का प्रभारी होने के नाते जेल अधीक्षक को जेल में बंद कैदियों की सभी चिंताओं/सुरक्षा मामलों का निस्तारण तत्परता से गंभीरतापूर्वक करना चाहिए।”

भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के संदर्भ में अदालत ने कहा कि जहां चाहे तो मंडोली जेल के न्यायाधिकार क्षेत्र वाले मजिस्ट्रेट की अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज करना चाहती है, तो कर सकती हैं।

अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख पर जहां के साथ जेल अधीक्षक को भी पेश होने का निर्देश दिया है, जिससे उसकी चिंताओं को दूर करने के लिये उठाए गए कदमों व अन्य प्रशासनिक कार्रवाइयों से अदालत को अवगत करा सकें।

इस मामले में अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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