पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने से फूल रहा है दिल्ली का दम, EPCA ने तत्काल सख्त कदम उठाने के दिए निर्देश

By भाषा | Published: November 1, 2019 07:20 PM2019-11-01T19:20:04+5:302019-11-01T19:20:04+5:30

दिल्ली के कुल प्रदूषण में गुरुवार को 27 फीसदी हिस्सेदारी इन दोनों राज्यों में पराली जलाये जाने की घटनाओं की रही। बुधवार को यह हिस्सेदारी 35 फीसदी तक पहुंच गई थी, जो अब तक की सर्वाधिक थी।

Delhi Pollution EPCA calls for urgent strict action against burning of stubble in Punjab, Haryana | पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने से फूल रहा है दिल्ली का दम, EPCA ने तत्काल सख्त कदम उठाने के दिए निर्देश

EPCA ने पराली जलाने के खिलाफ तत्काल सख्त कदम उठाने को कहा (फाइल फोटो)

Highlightsदिल्ली में गुरुवार को प्रदूषण में 27 फीसदी हिस्सेदारी दोनों राज्यों में पराली जलाने की रहीईपीसीए ने सख्त कदम उठाने के दिए निर्देश, आज दिल्ली की सबसे खराब वायु गुणवत्ता रही

सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ‘ईपीसीए’ ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता आपात स्थिति में पहुंच जाने पर शुक्रवार को क्रियान्वयन एजेंसियों को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया। इन दोनों पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है।

दिल्ली के कुल प्रदूषण में बृहस्पतिवार को 27 फीसदी हिस्सेदारी इन दोनों राज्यों में पराली जलाये जाने की घटनाओं की रही। बुधवार को यह हिस्सेदारी 35 फीसदी तक पहुंच गई थी, जो अब तक की सर्वाधिक थी। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) एजेंसियों को यह निर्देश भी दिया कि दिल्ली और इसके बाहरी इलाकों में ‘बायोमास’ (पराली) जलाने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

इससे पहले ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य के लिये आपातस्थिति की घेाषणा की और निर्माण गतिविधियों पर पांच नवंबर तक के लिए रोक लगा दी। उसने सर्दियों के मौसम में पटाखे जलाने पर भी पाबंदी लगा दी। ईपीसीए प्रमुख भूरेलाल द्वारा दो पड़ोसी राज्यों को लिखे पत्र में कहा गया है, 'पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने क्रियान्वयन एजेंसियों को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है।' 

पंजाब और केंद्रीय प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पराली जलाने की घटनाएं 27 अक्टूबर के 12,027 से बढ़कर 30 अक्टूबर को 19,869 हो गयी। उसी प्रकार हरियाणा में पराली जलाने के मामले 27 अक्टूबर के 3,735 से बढ कर 30 अक्टूबर को 4,211 हो गये। दिल्ली में शुक्रवार को इस मौसम की सबसे खराब वायु गुणवत्ता थी और वायु गुणवत्ता सूचकांक 483 पर आ गया था।

एक्यूआई जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी का माना जाता है। 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘अत्यंत खराब’, 401-500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर एक्यूआई को ‘बेहद गंभीर और आपात’ श्रेणी का माना जाता है।

दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को अलग से लिखे पत्र में भूरेलाल ने कहा, ‘दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता बीती रात और खराब हो गयी तथा अब वह अत्यधिक गंभीर स्तर पर है। हम इसे जनस्वास्थ्य के लिये आपात स्थिति के तौर पर लेना है क्योंकि इसका सभी पर, खासकर बच्चों पर गंभीर प्रभाव पड़ेंगे।’ उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में दिल्ली, फरीदाबाद, गुरूग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निर्माण गतिविधियां, हॉट-मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर पांच नवंबर की सुबह तक बंद रहेंगे।

Web Title: Delhi Pollution EPCA calls for urgent strict action against burning of stubble in Punjab, Haryana

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