दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस को स्वच्छ व सुरक्षित बनाने के लिए पहल शुरु की
By भाषा | Updated: November 23, 2021 19:44 IST2021-11-23T19:44:22+5:302021-11-23T19:44:22+5:30

दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस को स्वच्छ व सुरक्षित बनाने के लिए पहल शुरु की
नयी दिल्ली, 23 नवंबर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों में से एक कनॉट प्लेस क्षेत्र को स्वच्छ व सुरक्षित बनाने के लिए एक पहल शुरू की है और इसके तहत सब-वे की सफाई से लेकर भिखारियों एवं आवारा लोगों को आश्रय गृहों में ले जाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि असुरक्षित माहौल को लेकर खास तौर पर महिलाओं से शिकायतें मिलने के बाद ये कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कनॉट प्लेस के सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों में से एक हनुमान मंदिर के सब-वे और परिसर को पिछले दो दिनों में नगर निकायों तथा अग्निशमन सेवाओं सहित अन्य एजेंसियों की मदद से साफ किया गया है।
पुलिस ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत काम कर रहे गैर-सरकारी संगठन सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मास की मदद से, अक्सर हनुमान मंदिर परिसर के पास मौजूद 15 लोगों को आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया गया है। इनमें भिखारी, नशा करने वाले और आवारा लोग शामिल हैं
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) सुधांशु धामा ने कहा, "विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से यह पहल की गई व मंदिर परिसर और सब-वे की सफाई की गई।" उन्होंने कहा कि इसका मकसद महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटना एवं उनके लिए सुरक्षित माहौल बनाना और किसी भी बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विशेष रूप से महिलाओं से शिकायतें मिल रही थीं कि कनॉट प्लेस के कुछ इलाकों में पैदल चलते समय या रात में घूमते हुए असुरक्षित महसूस करती हैं क्योंकि नशे की लत वाले लोग मौजूद रहते हैं।
धामा ने कहा, ‘‘इसलिए, हमने सोचा कि केवल नियंत्रण पर्याप्त नहीं होगा और मादक पदार्थ संबंधी कानून के तहत मुकदमा चलाया।" उन्होंने कहा कि स्थानांतरित किए जाने से पहले, ऐसे लोगों को परामर्श दिया गया तथा लाभों से अवगत कराया गया।
उन्होंने कहा, "हम किसी को जबरन नहीं हटाना चाहते थे। हमने उन्हें उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं से अवगत कराकर राजी किया। हमने उनके बीच जागरूकता पैदा करने के लिए एक गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर काम किया और उसके बाद उन्हें नजदीक के एक आश्रय गृह में भेजा गया।
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