भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की रिहाई को लेकर प्रदर्शन, पीएम मोदी के निवास के नजदीक मेट्रो स्टेशन बंद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 27, 2019 05:15 PM2019-12-27T17:15:19+5:302019-12-27T17:15:19+5:30
शुक्रवार को नागरिकता कानून के विरोध में कड़ाके की ठंड का सामना करते हुए सैकड़ों लोग पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए।
दिल्ली के जोरबाग में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के मद्देनजर लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया है।
Delhi Metro Rail Corporation: Entry & exit gates of Lok Kalyan Marg are closed. Trains will not be halting at this station. pic.twitter.com/lJ725pSPAz
— ANI (@ANI) December 27, 2019
शुक्रवार को नागरिकता कानून के विरोध में कड़ाके की ठंड का सामना करते हुए सैकड़ों लोग पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए। कांग्रेस नेता अलका लांबा और दिल्ली के पूर्व विधायक शोएब इकबाल भी प्रदर्शनकारियों के साथ थे।
Delhi: People staged a protest in Jor Bagh today, demanding release of Bhim Army chief Chandrashekhar Azad. #CitizenshipAmendmentBillpic.twitter.com/H5tx5PRI2d
— ANI (@ANI) December 27, 2019
लांबा ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘देश में असल मुद्दा बेरोजगारी का है लेकिन आप (प्रधानमंत्री) लोगों को एनआरसी के लिए लाइन में खड़ा करना चाहते हैं जैसा नोटबंदी के दौरान किया गया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश और संविधान के लिए लोकतंत्र की आवाज उठाना आवश्यक है। केंद्र सरकार तानाशाह नहीं हो सकती और लोगों पर अपना एजेंडा नहीं थोप सकती है।’’
मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने नये कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ नारेबाजी की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘इस देश को एनआरसी, एनपीआर नहीं चाहिए। इस देश को रोजगार चाहिए। इस देश को अमन और शांति चाहिए।’’
प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर लिखा था- ‘संविधान बचाओ, देश मत बांटो।’ उन्होंने लोगों से हिंसा नहीं करने की अपील की। पूर्व विधायक ने कहा, ‘‘जो लोग हिंसा करते हैं वे हममें से नहीं हैं। यह आंदोलन है और यह जारी रहेगा। अगर कोई हमारी शांति को भंग करता है तो वह हममें से नहीं है और वह हमारे आंदोलन को भटकाना चाहता है। हम हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’