नई दिल्लीः गुजरात में कांग्रेस और भाजपा अब राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात विधानसभा चुनाव के बजाय अब दिल्ली नगर निगम चुनाव पर ध्यान केंद्रित करेंगे. गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 1 और 5 दिसंबर को होगा और दिल्ली नगर निगम चुनावों के लिए मतदान 4 दिसंबर को होगा.
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि जानबूझकर केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम के चुनाव गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही करा रही है जिससे आप नेता दोनों में से एक चुनाव पर ही ध्यान दे पाएंगे. केजरीवाल ने पहले दोनों चुनाव के बीच संतुलन साधने की कोशिश की थी. लेकिन जब लगा कि दोनों हाथ से निकल सकते हैं तो उन्होंने केवल दिल्ली पर ही ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया.
पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा कि अगले एक सप्ताह के दौरान पार्टी 1000 नुक्कड़ सभाएं करेगी, डांस फॉर डेमोक्रेसी और गिटार कंसर्ट आयोजित किए जाएंगे. पार्टी के सभी बड़े नेता दिल्ली के चप्पे-चप्पे में आयोजित छोटी-छोटी जन सभाओं के जरिए लोगों से संवाद करेंगे.
यह है योजनाः
आप का चुनाव प्रचार भी भाजपा की तरह नेता केंद्रित है. उनका नारा है - केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद. हाथ के प्रचार का मुद्दा होगा कि हमने दिल्ली में काम किया है, हम और काम करेंगे, इसलिए हमें वोट दो.
इसलिए बदली रणनीतिः
दरअसल भाजपा ने गुजरात का प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हवाले कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को दिल्ली नगर निगम के प्रचार में उतार दिया है. केजरीवाल किसी भी हालत में दिल्ली नगर निगम हाथ से नहीं जाने देना चाहते. इसीलिए कब गुजरात के बजाय उनका फोकस दिल्ली पर हो गया है.