CM केजरीवाल की चेतावनी से बिफरा दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, कहा- सर गंगा राम अस्पताल पर FIR और धमकी निंदनीय
By मनाली रस्तोगी | Published: June 7, 2020 09:38 AM2020-06-07T09:38:04+5:302020-06-07T09:39:02+5:30
दिल्ली सरकार द्वारा शनिवार को सर गंगा राम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराए जाने पर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) बेहद नाराज है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी में अब दिल्ली सरकार के खिलाफ डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है। इसके साथ ही दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री कोरोना वायरस के मरीज़ों को भर्ती करने और उनका टेस्ट करने के लिए डॉक्टरों को चेतावनी दे रहे हैं और अस्पतालों को धमका रहे हैं उसकी दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन कड़ी निंदा करता है। सर गंगा राम अस्पताल पर एफआईआर (FIR) बहुत निंदनीय है।
ऐसे समय में करनी चाहिए डॉक्टरों को प्रशंसा: डॉक्टर बीबी वाधवा
डीएमए के अध्यक्ष डॉक्टर बीबी वाधवा का ये भी कहना है कि कोरोना संकट के दौरान जो डॉक्टर अपनी जान को खतरे में डालकर पिछले दो महीनों से बिना थके दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं। उनके साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है, उससे वो अपमानित महसूस कर रहे हैं। वहीं, इस मामले में डॉ वाधवा ने कहा कि हेल्थकेयर की रीढ़ अस्पताल ही हैं, जोकि महामारी के समय कोरोना वायरस से संक्रमित व अन्य मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों की ऐसे समय में प्रशंसा करने के बजाय दिल्ली सरकार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा रही है। ये बेहद दुखद है।
Doctors who're serving Delhi people tirelessly from last 2 months in this pandemic crisis, risking their lives feel insulted by way they're being treated.They're being
— ANI (@ANI) June 7, 2020
penalized&Govt instead of praising their efforts is issuing new Dictates(FARMAN) daily:Delhi Medical Association
डॉक्टर वाधवा ने कहा कि पिछले एक दशक में सर गंगा राम अस्पताल और यहां के डॉक्टरों ने निस्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा की है, जिसके बदले में सरकार उन्हें दंड दे रही है। सरकार उन्हें चेतावनी भी दे रही है। सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाना पूरी तरह से निंदनीय और डॉक्टरों का मनोबल गिराने वाला है। डॉक्टर वाधवा ने ये भी कहा कि दिल्ली के डॉक्टर महामारी के इस समय में वैसे ही ज्यादा काम की वजह से तनाव में हैं। ऐसे में हेल्थकेयर सिस्टम और डॉक्टरों पर दिल्ली सरकार बिना कारण गैर जरूरी दबाव डाल रही है।
कोविड-19 मरीजों को भर्ती करने से मना करने पर अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अस्पतालों को शनिवार को चेतावनी दी कि कोविड-19 मरीजों को ‘‘भर्ती करने से मना करने’’ और बिस्तरों की कालाबाजारी करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक समिति ने सुझाव दिया कि दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग सिर्फ इसके निवासियों के इलाज के लिये किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि देश में सबसे ज्यादा जांच दिल्ली में हो रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जांच की क्षमता सीमित है और अगर हर कोई जांच के लिए जाएगा, तो दबाव बढ़ जाएगा।
शनिवार को दर्ज कराई गई FIR
मालूम हो, शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने यहां के अस्पतालों को चेतावनी दी थी कि कोविड-19 मरीजों को 'भर्ती करने से मना करने' और बिस्तरों की कालाबाजारी करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने को लेकर सर गंगा राम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
इसके अलावा केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दिल्ली सरकार सभी अस्पतालों में एक चिकित्सक तैनात करेगी, जो आधिकारिक ऐप पर कोरोना वायरस मरीजों के लिए उपलब्ध बिस्तर की सूचना देंगे और ऐसे मरीजों की भर्ती सुनिश्चित कराने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि दिल्ली में कोरोना वायरस की जांच रोकी गई है।
(भाषा इनपुट भी)