दिल्ली: उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की 47 फाइलों को लौटाया, एलजी कार्यालय ने कहा, 'फाइलों पर सीएम की बजाय सीएमओ स्टाफ ने किया था दस्तखत'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 27, 2022 17:16 IST2022-08-27T17:09:34+5:302022-08-27T17:16:10+5:30
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की ओर से भेजी गई 47 फाइलों को यह कहते हुए वापस कर दिया कि जिन फाइलों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होना चाहिए थे, उनपर उनके दफ्तर के कर्मचारियों ने दस्तखत किया है।

फाइल फोटो
दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के द्वारा भेजी गई 47 फाइलों को बिना साइन किये वापस लौटा दिया है। खबरों के मुताबिक शनिवार को उपराज्यपाल के दफ्तर ने 47 फाइलों को इस टिप्पणी के साथ वापस मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है कि जिन फाइलों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का हस्ताक्षर होना चाहिए था, वहां उनकी बजाय उनके दफ्तर के कर्मचारियों द्वारा दस्तखत किया गया है।
उपराज्यपाल के इस कड़े कदम से आशंका जताई जा रही है कि राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के बीच चल रही संवैधानिक शक्तियों का जंग और तेज हो सकता है। यह घटनाक्रम उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखे जाने के लगभग एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर लिये बिना एलजी सचिवालय के पास फाइलों को मंजूरी के लिए भेज रहा है।
इस संबंध में एलजी कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि एलजी सचिवालय की ओर से दिल्ली सरकार की जिन फाइलों को लौटाया गया है, उनमें शिक्षा विभाग और वक्फ बोर्ड से संबंधित फाइलें शामिल हैं। इस सूचना के साथ एलजी दफ्तर ने इस बात का भी दावा किया है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा इस संबंध में आपत्ति जताए जाने के बाद भी सीएमओ की ओर से लगातार बिना मुख्यमंत्री के साइन की हुई फाइलों के भेजे जाने का क्रम जारी है।
मालूम हो कि पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल की विदाई के बाद केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त नये उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पदभार ग्रहण करते ही दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर ग्रहण लगा दिया और मामले में भ्रष्टाचार का संदेह व्यक्त करते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।
मामले में सीबीआई ने उपराज्यपाल के आदेश पर फौरन एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की तहकीकात शुरू की और अपनी प्रारंभिक जांच के आधार पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कुल 11 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। मामले में पहले तो सुरक्षात्मक रणनीति अपनाते हुए दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले लिया।
लेकिन जब सीबीआई ने मामले में सीधे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया तो केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना समेत केंद्र सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार को अस्थीर करने के लिये भाजपा शासन लगातार आप सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)