एसटीपी से निकलने वाली 'दुर्गंध' को नियंत्रित करने के मामले में दिल्ली जल बोर्ड को फटकार
By भाषा | Published: July 12, 2021 06:35 PM2021-07-12T18:35:28+5:302021-07-12T18:35:28+5:30
नयी दिल्ली, 12 जुलाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को यहां कोंडली में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से निकलने वाली 'दुर्गंध' को नियंत्रित करने की 'अपनी जिम्मेदारी से भागने' के लिए फटकार लगाई।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डीजेबी ने पहले कहा था कि गंध नियंत्रण प्रणाली स्थापित की जाएगी, लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।
पीठ ने कहा “हमें समझ में नहीं आता कि डीजेबी अब अपनी जिम्मेदारी से क्यों भाग रहा है और एक विपरीत रुख अपना रहा है कि उठाए गए छोटे कदम पर्याप्त हैं और गंध नियंत्रण प्रणाली की आवश्यकता नहीं है। यह रुख जनहित के खिलाफ और इस अधिकरण के आदेश का पालन नहीं करने के समान है।”
पीठ ने डीजेबी को 1 जून, 2021 से लेकर अनुपालन तक प्रति माह पांच लाख रुपये की लागत का भुगतान करने का निर्देश दिया।
अधिकरण ने कहा कि केवल फेरिक क्लोराइड डालना शायद ही इस मामले में पर्याप्त कदम माना जा सकता है।
पीठ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि डीजेबी एसटीपी से उठ रही दुर्गंध को रोकने के अपने दायित्व को निभाने में विफल रहा है और गंध को नियंत्रित करने का दावा करने के लिए केवल सतही कदम उठाए गए हैं।''
एनजीटी में अब इस मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर 2021 को होगी।
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