गर्भपात कराने की मांग करने वाली बलात्कार पीड़िताओं से पहचान पत्र मांगने से बचें?, दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों से कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 3, 2025 14:47 IST2025-06-03T14:46:38+5:302025-06-03T14:47:35+5:30

अदालत ने कहा कि प्रक्रियाओं में स्पष्टता का अभाव, पहचान दस्तावेजों पर जोर तथा अल्ट्रासाउंड जैसी आवश्यक चिकित्सा जांच में देरी ने इस मामले में पीड़िता की परेशानी को और बढ़ा दिया है।

Delhi High Court tells hospitals Refrain asking identity proof from rape victims seeking abortion delhi police | गर्भपात कराने की मांग करने वाली बलात्कार पीड़िताओं से पहचान पत्र मांगने से बचें?, दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों से कहा

सांकेतिक फोटो

Highlightsलड़कियों से जुड़े मामलों में अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।यौन हिंसा के पीड़ित लोगों द्वारा झेली जाने वाली विशिष्ट कठिनाइयों की गहरी समझ से भी निर्देशित होना चाहिए।एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए जिनमें पीड़िता गर्भवती हो। 

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों से कहा है कि वे अदालतों के आदेश पर गर्भपात कराने की मांग करने वाली बलात्कार पीड़िताओं से पहचान पत्र मांगने से बचें। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने ऐसी पीड़िताओं, विशेषकर नाबालिगों के लिए ‘‘स्पष्ट, व्यावहारिक और संवेदनशील’’ चिकित्सा प्रोटोकॉल की महती आवश्यकता पर भी बल दिया। अदालत ने कहा कि प्रक्रियाओं में स्पष्टता का अभाव, पहचान दस्तावेजों पर जोर तथा अल्ट्रासाउंड जैसी आवश्यक चिकित्सा जांच में देरी ने इस मामले में पीड़िता की परेशानी को और बढ़ा दिया है।

उच्च न्यायालय ने 29 मई को कहा, ‘‘अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को इस तथ्य के प्रति संवेदनशील बनाया जाना चाहिए कि यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं, विशेषकर नाबालिग लड़कियों से जुड़े मामलों में अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।’’

चिकित्सा प्रोटोकॉल केवल कानूनी आवश्यकताओं का पालन करने तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि उन्हें सहानुभूति, व्यावहारिक सोच, और यौन हिंसा के पीड़ित लोगों द्वारा झेली जाने वाली विशिष्ट कठिनाइयों की गहरी समझ से भी निर्देशित होना चाहिए।

अदालत एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने चिकित्सीय गर्भपात की मांग की थी। इसने सभी हितधारकों को यौन उत्पीड़न के उन मामलों में स्पष्टता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए जिनमें पीड़िता गर्भवती हो। 

Web Title: Delhi High Court tells hospitals Refrain asking identity proof from rape victims seeking abortion delhi police

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