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"किसी महिला को 'गंदी औरत' कहना अपराध नहीं", दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा

By अंजली चौहान | Updated: August 29, 2023 15:37 IST

आईपीसी की धारा 509 बताती है कि अपराध स्थापित करने के लिए दो शर्तें महत्वपूर्ण हैं, इसमें महिला की विनम्रता का अपमान करने का इरादा और वह मामला जिसमें अपमान किया गया है, शामिल है।

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ठळक मुद्देदिल्ली हाईकोर्ट ने 'गंदी औरत' को अपराध मामने से किया इनकारशब्द को बताया असभ्य लेकिन अपराध नहीं आईपीसी की धारा 509 के तहत कोर्ट ने मामले में टिप्पणी की है

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक केस में टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी महिला को 'गंदी औरत' कहना या उसके साथ अभद्र व्यवहार करना महिला की गरिमा का अपमान करने का अपराध नहीं है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 509 के तहत इस अपराध को महिलाओं की गरिमा का अपमान नहीं माना जाएगा।

गौरतलब है कि आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध स्थापित करने के लिए दो शर्तें महत्वपूर्ण हैं, इसमें महिला की विनम्रता का अपमान करने का इरादा और वह मामला जिसमें अपमान किया गया है शामिल है।

दरअसल, कोर्ट एक महिला द्वारा अपने वरिष्ठ कर्मचारी के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले में सुनवाई कर रही थी। सोमवार को कोर्ट ने मामले में अहम टिप्पणी की है। 

महिला द्वारा आरोप लगाया गया है कि वह एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस में काम कर रही थी, नौकरी के दौरान उसका वरिष्ठ कर्मचारी उससे पैसे की मांग करता था और कुछ मौकों पर उसने उसे पैसे दिए भी थे। आरोपी ने एक दिन महिला से उसे 1,000 रुपये देने के लिए कहा, जिस पर महिला ने कहा कि वह उसे किसी और समय पैसे दे देगी।

इसके बाद आरोपी ने उससे अपना पर्स दिखाने के लिए कहा और ऐसा करने से इनकार करने पर आरोपी ने उसके खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल किया।

वहीं, आरोपियों ने महिला को 'गंदी औरत' भी कहा। इसके बाद महिला ने 100 नंबर डायल किया और पुलिस को बुलाया। घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है।

शब्द आपत्तिजनक: कोर्ट 

कोर्ट ने भले ही इसे अपराध न माना हो लेकिन उन्होंने महिला के खिलाफ इस शब्द के इस्तेमाल को अशोभनीय और आपत्तिजनक बताया है।

कोर्ट ने कहा कि यह असभ्य है लेकिन यह आपराधिक इरादे के स्तर की श्रेणी में नहीं आता है और ये शब्द महिला को उत्तेजित या झटका भी नहीं देंगे।

कोर्ट ने कहा कि महिला की प्रतिक्रिया मामले में निर्णायक कारक नहीं है इसलिए इसे आईपीसी की धारा 509 के तहत आपराधिक अपराध की परिभाषा के तहत नहीं बनाया जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी महिला के प्रति असभ्य होना महिला की गरिमा का अपमान नहीं है।

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