कोर्ट ने पूछा- संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा संबंधी याचिकाएं एकसाथ क्यों नहीं सुनी जा सकतीं?
By भाषा | Published: July 22, 2019 07:43 PM2019-07-22T19:43:53+5:302019-07-22T19:43:53+5:30
अदालत प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया था कि भंडारी की धनशोधन मामले को खारिज करने संबंधी याचिका को उस पीठ के समक्ष भेजा जाए जो इसी मामले में वाड्रा की याचिका की सुनवाई कर रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को जानना चाहा कि क्यों हथियार कारोबारी संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा की तरफ से दायर धनशोधन का मामला रद्द करने की याचिकाएं एकसाथ नहीं सुनी जा सकतीं? अभी भंडारी और उनकी पत्नी की, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का मामला खारिज किये जाने की याचिका एकल न्यायाधीश द्वारा सुनी जा रही है जबकि वाड्रा और उनकी करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा की याचिका उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के समक्ष लंबित हैं।
भंडारी की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि जब यह संबंधित मामले हैं तो तर्क तो यही कहता है कि उन्हें एक खंडपीठ द्वारा सुना जाए। अदालत ने कहा, “वे एक ही ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) में हैं। जब ये मामले संबंधित हैं तो तर्क और न्यायिक सिद्धांत की मांग यही है कि इन याचिकाओं को खंडपीठ के समक्ष भेजा जाए।”
अदालत प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया था कि भंडारी की धनशोधन मामले को खारिज करने संबंधी याचिका को उस पीठ के समक्ष भेजा जाए जो इसी मामले में वाड्रा की याचिका की सुनवाई कर रही है।
भंडारी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसे एकल न्यायाधीश द्वारा सुना जाना चाहिए क्योंकि वाड्रा ने धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) की वैधानिकता को चुनौती दी है लेकिन भंडारी ने ऐसा नहीं किया है।
वकील ने कहा कि भंडारी के मामले को खंडपीठ को स्थानांतरित किये जाने की जरूरत नहीं है और बताया कि वह इस मुद्दे पर अदालत को विस्तृत जानकारी देंगे। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को तय की है।