सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अस्थाना और देवेंद्र कुमार की FIR रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिका रद्द करते हुए कहा कि अस्थाना के खिलाफ जांच जारी रहेगी। बता दें कि राकेश अस्थाना ने गिरफ्तारी से रोक की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ 10 सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया है। बता दें कि हैदराबाद के बिजनसमैन सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
न्यायमूर्ति वजीरी ने सीबीआई के वकील, केंद्र, अस्थाना, कुमार, वर्मा और संयुक्त निदेशक ए. के. शर्मा के वकील वकील के हलफनामे पर सुनवाई करने के बाद विभिन्न याचिकाओं पर 20 दिसम्बर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कुमार को 22 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और 31 अक्टूबर को उन्हें जमानत मिल गई थी।
वर्मा ने हलफनामे में कहा था कि सभी आरोपियों -- अस्थाना, कुमार और प्रसाद के खिलाफ साक्ष्य मौजूद हैं और प्रारंभिक जांच में संज्ञेय अपराधों का पता चलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।
गौरतलब है कि अस्थाना से लड़ाई होने के बाद वर्मा ने उच्चतम न्यायालय में केंद्र द्वारा उनकी सारी शक्तियां वापस लेने और छुट्टी पर भेज दिए जाने को चुनौती दी थी।
उच्चतम न्यायालय ने आठ जनवरी को वर्मा को पद पर बहाल कर दिया था लेकिन उन्हें निर्देश दिया कि कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं लें।
उच्चतम न्यायालय ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति से कहा था कि सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों पर एक हफ्ते के अंदर गौर करें।
31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और न्यायमूर्ति ए के सिकरी की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 2 -- 1 के फैसले से हटा दिया।(भाषा एजेंसी से इनपुट)