INX Media Case: दिल्ली हाईकोर्ट आज कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनाएगी फैसला
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: March 23, 2018 00:20 IST2018-03-22T20:44:48+5:302018-03-23T00:20:27+5:30
INX Media Case: कार्ति चिदंबरम को पिछले साल 15 मई को दर्ज प्राथमिकी के संबंध में ब्रिटेन से लौटने पर सीबीआई द्वारा 28 फरवरी को चेन्नई में गिरफ्तार किया गया था।

INX Media Case: दिल्ली हाईकोर्ट आज कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनाएगी फैसला
नई दिल्ली, 22 मार्चः दिल्ली हाईकोर्ट आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी। कार्ति और सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद 16 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी गर्ग सुना सकते है। वहीं, पिछले दिनों सीबीआई ने कार्ति को राहत दिये जाने का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह इस मामले में पहले ही सबूत नष्ट कर चुके हैं और वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
Delhi High Court will pass order tomorrow on the bail plea of #KartiChidambaram in the INX Media case filed by the CBI. (file pic) pic.twitter.com/VfBlx7Oksr
— ANI (@ANI) March 22, 2018
कार्ति के वकील ने दलील दी थी कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत कोई मामला नहीं बनता है क्योंकि सीबीआई ने न तो किसी लोक सेवक से पूछताछ की और ना ही उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया है।
कार्ति के वकीलों ने सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपों से इंकार किया था और कहा था कि जब सीबीआई ने हिरासत में लेकर उनसे और पूछताछ की मांग नहीं की है तो उन्हें न्यायिक हिरासत में क्यों रखा जाना चाहिए।
कार्ति को पिछले साल 15 मई को दर्ज प्राथमिकी के संबंध में ब्रिटेन से लौटने पर सीबीआई द्वारा 28 फरवरी को चेन्नई में गिरफ्तार किया गया था। कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कथित रूप से मुम्बई के आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से हरी झंडी दिलाने के नाम पर 305 करोड़ रुपये लिए थे। उस समय आईएनएक्स मीडिया को इंद्राणी मुखर्जी और पीटर संचालित कर रहे थे। ये दोनों शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी हैं।
दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का उल्लेख नहीं है, यद्यपि मामले के अनुसार उन्होंने 18 मई 2007 को एफआईपीबी बैठक में कंपनी में 4। 62 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को एफआईपीबी स्वीकृति दी थी। हालांकि कार्ति ने आरोपों को सिरे से गलत बताया है।
(इनपुट-भाषा)