केंद्र के फैसले पर दिल्ली HC ने लगाई मुहर, लिट्टे पर बढ़ाया पांच साल का प्रतिबंध

By भाषा | Updated: November 11, 2019 19:15 IST2019-11-11T19:15:56+5:302019-11-11T19:15:56+5:30

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद भारत ने लिट्टे पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से, हर पांच साल बाद इस संगठन पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया जाता है। इस आतंकी संगठन को 2009 में श्रीलंका में सैन्य शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इससे पहले संगठन पर 2014 में पांच साल के लिये प्रतिबंध लगाया गया था।

Delhi HC approves Center's decision, extends LTTE ban for five years | केंद्र के फैसले पर दिल्ली HC ने लगाई मुहर, लिट्टे पर बढ़ाया पांच साल का प्रतिबंध

श्रीलंका स्थित इस आतंकवादी संगठन से सहानुभूति रखने वाले, समर्थक और एजेंट भारत में भी हैं।

Highlightsदिल्ली उच्च न्यायालय ने लिट्टे पर पांच साल के प्रतिबंध की पुष्टि कर दी है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद भारत ने लिट्टे पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सरकार द्वारा गठित एक न्यायाधिकरण ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) पर केंद्र द्वारा लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध की पुष्टि कर दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय के सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सिंघल की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने सात नवंबर को लिट्टे पर प्रतिबंध की पुष्टि की और पुष्टि का आदेश सीलबंद लिफाफे में अधिसूचना जारी करने के लिये केंद्र के पास भेज दिया गया।

न्यायाधिकरण ने एमडीएमके नेता और राज्यसभा सांसद वाइको समेत सभी पक्षकारों का पक्ष सुनने के बाद यह फैसला लिया। वाइको लिट्टे के प्रति सहानुभूति रखने वाले हैं। गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत बनाए गए न्यायाधिकरण ने 27 मई को अपने गठन के बाद दिल्ली और चेन्नई में सुनवाई की।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद भारत ने लिट्टे पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से, हर पांच साल बाद इस संगठन पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया जाता है। इस आतंकी संगठन को 2009 में श्रीलंका में सैन्य शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इससे पहले संगठन पर 2014 में पांच साल के लिये प्रतिबंध लगाया गया था।

लिट्टे पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय ने अपनी 14 मई की अधिसूचना में कहा था कि संगठन लगातार हिंसक और विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त है और भारत की अखंडता व संप्रभुता को लेकर पूर्वाग्रह रखता है। वह लगातार भारत विरोधी रुख अपनाता रहा है और भारतीयों की सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा बना हुआ है।

इस न्यायाधिकरण का गठन प्रतिबंधित संगठन को अपना पक्ष रखने का मौका देने के लिये 27 मई को किया गया था। लिट्टे की स्थापना 1976 में हुई थी। श्रीलंका स्थित इस आतंकवादी संगठन से सहानुभूति रखने वाले, समर्थक और एजेंट भारत में भी हैं।

Web Title: Delhi HC approves Center's decision, extends LTTE ban for five years

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