सेवा प्रदाताओं से पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के लिए कहेगी दिल्ली सरकार
By भाषा | Updated: December 26, 2021 14:21 IST2021-12-26T14:21:40+5:302021-12-26T14:21:40+5:30

सेवा प्रदाताओं से पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के लिए कहेगी दिल्ली सरकार
(गौरव सैनी)
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर दिल्ली सरकार ई-वाणिज्य कंपनियों, भोजन की डिलीवरी करने वाली और कैब सेवा प्रदाताओं से पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने और पेट्रोल पंप से प्रदूषण की जांच यानी पीयूसी न कराने वाले वाहनों को ईंधन न देने के लिए भी कहेगी।
शहर में वायु प्रदूषण में करीब 38 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों से होने वाले उत्सर्जन की है।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सरकार वाहनों के प्रदूषण की जांच करने के लिए दो प्रमुख कदम उठाने जा रही है - हम जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर समेत सभी सेवा प्रदाताओं से पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के लिए कहेंगे। दिल्ली में पंजीकृत 30 प्रतिशत वाहन इन सेवाओं के हैं। हम डीलरों और पेट्रोल पंप को पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना वाहनों को ईंधन न देने के निर्देश देने पर भी विचार कर रहे हैं।’’
इस संबंध में पर्यावरण (संरक्षण) कानून के तहत दिशा निर्देश इस सप्ताह जारी होने की उम्मीद है।
यह पूछने पर कि क्या सेवा प्रदाताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के लिए कोई समयसीमा दी जाएगी, इस पर परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। हम जल्द ही दिशा निर्देशों का मसौदा प्रकाशित करेंगे।’’
अगस्त 2020 में आयी दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति का उद्देश्य 2024 तक कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
केवल फ्लिपकार्ट (2030 तक) और फेडेक्स (2040 तक) ने सामान की आपूर्ति के लिए दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने का लक्ष्य तय किया है जबकि अंतरराष्ट्रीय कुरियर कंपनी डीएचएल ने 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य तय किया है।
स्विस वायु प्रौद्योगिकी कंपनी ‘आईक्यूएयर’ के अनुसार, दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है और आबादी के मामले में सबसे तेजी से फैलता शहर है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।