दिल्ली अग्निकांड: इमारत में कार्बन मोनोऑक्साइड भरने से अधिकांश लोगों की दम घुटकर हुई मौत
By भाषा | Updated: December 8, 2019 19:26 IST2019-12-08T19:26:40+5:302019-12-08T19:26:40+5:30
उत्तरी दिल्ली की अनाज मंडी क्षेत्र में चार मंजिला इमारत में चलने वाली अवैध निर्माण इकाइयों के अधिकांश श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा आग पर काबू करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इमारत में गैस डिटेक्टरों की सहायता से जहरीली गैस का पता लगाया।

अवैध निर्माण इकाइयों के अधिकांश श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई।
दिल्ली के अनाज मंडी स्थित जिस इमारत में रविवार सुबह आग लगी थी वहां पहुंचे एनडीआरएफ के दल ने कहा कि इमारत में जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरी थी। इमारत में लगी आग की वजह कम से कम 43 लोगों की जान चली गई।
उत्तरी दिल्ली की अनाज मंडी क्षेत्र में चार मंजिला इमारत में चलने वाली अवैध निर्माण इकाइयों के अधिकांश श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा आग पर काबू करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इमारत में गैस डिटेक्टरों की सहायता से जहरीली गैस का पता लगाया।
उन्होंने कहा, “हमें बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) गैस मिली। उसके बाद हमने इमारत की अच्छे से जांच की। इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल पूरी तरह से धुएं से भरी हुई थी जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक थी।” गैस, तेल, कोयला और लकड़ी जैसे ईंधनों के पूरी तरह से नहीं जल पाने पर यह रंगहीन, गंधहीन खतरनाक गैस बनती है। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर ने कहा कि टीम को इमारत की कुछ खिड़कियां सील मिली।
उन्होंने कहा, “वहां एक ही कमरा था जिसमें अधिकतर मजदूर सो रहे थे और वहां हवा के आने-जाने के लिए केवल एक स्थान था। अधिकतर मजदूरों को तीसरी मंजिल से लाया गया था। इमारत में रखे सामान के जलने की वजह से अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बन गई।” शहर में 1997 में हुए उपहार सिनेमा हादसे के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा आग हादसा है।