क्या अमित शाह चुनावी रणनीति में फेल हो रहे है?
By शीलेष शर्मा | Published: February 9, 2020 12:43 AM2020-02-09T00:43:25+5:302020-02-09T00:43:25+5:30
विभिन्न टीवी चैनलों ने जो अनुमान जाहिर किए है उनके अनुसार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता पर फिर काबिज़ होने जा रही है.
भाजपा की चुनावी रणनीति के चाणक्य कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह पर अब सवाल उठने शुरू हो गये हैं कि हर बार अब उनकी चुनावी रणनीति क्यों विफल हो रही है. यह सवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर जो एक्जिट पोल सामने आए है उनकी रोशनी में उभरा है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे राज्यों में अमित शाह और मोदी के ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगाने के बाद चुनाव में हुई पराजय ने इस सवाल को ओर पैना कर दिया है.
राजधानी दिल्ली में मतदान के बाद जो आंकड़े सामने आए वह पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 9.5 फीसदी कम मतदान होने के है. पिछले चुनाव में 67.5 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया लेकिन इस बार यह संख्या घटकर महज़ 61.46 फीसदी पर अटक गई.
विभिन्न टीवी चैनलों ने जो अनुमान जाहिर किए है उनके अनुसार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता पर फिर काबिज़ होने जा रही है.
भाजपा के लिए इस बात पर संतोष करने का बहाना मिला है कि उसके वोट प्रतिशत में कोई कमी नहीं आई है और वह लगभग 36 फीसदी मतदाताओं को समर्थन हासिल करने में कामयाब रही है, कांग्रेस सबसे बुरी स्थिति में है जो चुनावी जंग में बिल्कुल बाहर नजर आ रही है.
टीवी चैनलों के अनुमानों के अनुसार कांग्रेस का मत प्रतिशत भी काफी गिरा है और जो तीन से पांच फीसदी के बीच जा पहुंचा है. कांग्रेस को पिछले चुनाव में कोई सीट हासिल नहीं हुई थी लेकिन इस बार 1-2 सीटें मिलने के संकेत मिल रहे है.
केजरीवाल की बिजली, पानी, मुफ्त देने की योजना कामयाब होती नजर आ रही है, इतना ही नहीं व्यापारी वर्ग को भी वह रिझाने में कामयाब रहे, ऐसा अनुमान है.
हैरानी की बात तो यह है कि व्यापारी वर्ग अमूमन भाजपा का मतदाता माना जाता रहा है लेकिन टीवी चैनलों के आंकड़ों की माने तो चांदनी चौक क्षेत्र जहां सर्वाधिक व्यापारी वर्ग का दबदबा है वहां भी आप बेहतर प्रदर्शन करेगी ऐसे संकेत हैं.
दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें है और हर संसदीय क्षेत्र में दस-दस विधानसभा क्षेत्र हैं, इन सभी सातों संसदीय क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी 55 से 60 फीसदी के बीच वोट प्रतिशत हासिल करने में कामयाब होती नजर आ रही है जबकि भाजपा 35 और कांग्रेस 3 से पांच फीसदी.
टीवी चैनलों के अनुमानित आंकड़ों से परेशान गृह मंत्री अमित शाह ने आनन-फानन में भाजपा के दिल्ली के सभी सांसदों को तलब कर डाला यह पता लगाने के लिए कि ‘‘पूरी गणना ज्यों की त्यों, कमल का खेल बिगड़ा क्यों’’.