दिल्ली चुनाव: मतदान जारी अब जनता की बारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 8, 2020 11:53 IST2020-02-08T11:29:36+5:302020-02-08T11:53:40+5:30

अरविंद केजरीवाल ने जहां मतदान से पहले महिलाओं से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के युवाओं व आम लोगों से बड़ी संख्या में वोट देने की अपील की।  ऐसे में आइये जानते हैं कि दिल्ली विधान सभी चुनाव में भाजपा यदि यह चुनाव जीतती या हारती है तो उसके पीछे कौन सी 10 बड़ी वजहें होंगी।

Delhi Election: These 7 big reasons for BJP's win and lose in Delhi aap bjp arvind kejriwal | दिल्ली चुनाव: मतदान जारी अब जनता की बारी

भाजपा ने दिल्ली चुनाव में पूरी ताकत झोंकी

Highlightsव्यापारियों को लगता है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के कारण वह सीलिंग से राहत दिला सकती है।केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली के लिए बीजेपी ने जितनी ताकत झोंक दी, उतनी बड़े-बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी मेहनत नहीं की।

दिल्ली विधान सभा के चुनाव में स्थानीय लोग काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। जगह-जगह लोगों की लंबी कतारें देखने को मिल रही है। इस चुनाव में आम लोगों में वोटिंग को लेकर एक तरह का जोश व उत्साह देखने को मिल रहा है। हालांकि, 10 बजे तक महज 4.33 प्रतिशत वोटिंग ही हुई है। लेकिन, बड़ी संख्या में लोग कतार में लगे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने जहां मतदान से पहले महिलाओं से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के युवाओं व आम लोगों से बड़ी संख्या में वोट देने की अपील की।  ऐसे में आइये जानते हैं कि दिल्ली विधान सभी चुनाव में भाजपा यदि यह चुनाव जीतती या हारती है तो उसके पीछे कौन सी 10 बड़ी वजहें होंगी-

BJP के चुनाव जीतने की यह वजह हो सकती है- 

व्यापारियों का झुकाव : दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग का भय हमेशा सताता रहा है। व्यापारियों को लगता है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के कारण वह सीलिंग से राहत दिला सकती है। शायद यही वजह रही कि मतदान से एक दिन पहले शुक्रवार को दिल्ली के व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कैट ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इस संगठन से दिल्ली में 15 लाख व्यापारी जुड़े हैं, जिनका दावा है कि वे 30 लाख लोगों को रोजगार देते हैं।  

प्रचार में अमित शाह से सांसद तक सड़क पर : केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली के लिए बीजेपी ने जितनी ताकत झोंक दी, उतनी बड़े-बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी मेहनत नहीं की। बीजेपी ने गली-गली मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद-विधायकों की फौज दौड़ा दी। कोई मुहल्ला नहीं बचा, जहां बड़े नेताओं ने नुक्कड़ सभाएं नहीं कीं। इससे बीजेपी ने अपने पक्ष में जबरदस्त माहौल बनाने की कोशिश 

केजरीवाल से लोगों को निराशा : दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी को अगर छोड़ दें तो इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर अपेक्षित काम नहीं हुआ है। ऐसा दिल्ली के लोगों का मानना है। 2015 में आम आदमी पार्टी की प्रचंड लहर में चुनाव जीतने में सफल रहे विधायकों के बाद में जनता से दूर हो जाने की शिकायतें आम हैं। यही वजह है कि केजरीवाल को अपने कई 

भाजपा की घोषणा पत्र : बीजेपी ने चुनावी घोषणापत्र के जरिए दिल्ली के लोगों के मन से यह डर निकालने की कोशिश की है कि उसकी सरकार बनने पर बिजली, पानी मुफ्त की योजना बंद हो जाएगी। बीजेपी ने इन योजनाओं के जारी रहने की बात कही है। साथ ही बीजेपी ने दिल्ली की 1700 से अधिक अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री की शुरुआत कर वहां के लोगों में बैठे डर को दूर कर दिया। दो रुपये किलो की दर से आटा, गरीब बच्चियों को इलेक्ट्रिक स्कूटी, 376 झुग्गियों में रहने वाले दो लाख से अधिक परिवारों को दो-दो कमरे के मकान का वादा

बीजेपी के हारने की वजहें यह हो सकती है-

केजरीवाल की लोकप्रियता : केजरीवाल ने जिस तरह से दो सौ यूनिट बिजली और महीने में 20 हजार लीटर पानी मुफ्त कर दिया, उससे आम जन और गरीब परिवारों की जेब पर भार कम हुआ है। लाभ पाने वाला गरीब तबका चुनाव में साइलेंट वोटर बना नजर आ रहा है। बिजली कंपनियों के आंकड़ों की बात करें तो एक अगस्त को योजना की घोषणा होने के बाद दिल्ली में कुल 52 लाख 27 हजार 857 घरेलू बिजली कनेक्शन में से 14,64,270 परिवारों का बिजली बिल शून्य आया। लाभ पाने वाले अगर झाड़ू पर बटन दबाएं तो फिर आम आदमी पार्टी की वापसी की राह आसान होगी।

CAA के बाद मुसलमानों का केजरीवाल की तरफ झुकाव : राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद से मुस्लिमों की बड़ी आबादी के मन में डर बैठ गया है। मुसलमान उस पार्टी को वोट देना चाहते हैं जो बीजेपी को हराने में सक्षम हो। कांग्रेस दिल्ली चुनाव में कहीं नजर नहीं आ रही है, ऐसे में मुसलमानों का अधिकतर वोट आम आदमी पार्टी को जाना तय माना जा रहा है।

बस में महिलाओं को फ्री सफर होने के बाद केजरीवाल की तरफ महिलाओं की आबादी : आम आदमी पार्टी ने जितना महिलाओं पर फोकस किया, उतना बीजेपी ने नहीं। केजरीवाल सरकार ने बसों में 30 अक्टूबर को भैयादूज के दिन से मुफ्त सफर की महिलाओं को सौगात दी। एक आंकड़े के मुताबिक प्रतिदिन करीब 13 से 14 लाख महिलाएं दिल्ली में बसों में सफर करती हैं।


 

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