Kapil Mishra: दिल्ली बीजेपी में एक और बदलाव, कपिल मिश्रा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया, जानिए कौन हैं पूर्व विधायक
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 5, 2023 12:49 PM2023-08-05T12:49:06+5:302023-08-05T14:54:43+5:30
दिल्ली बीजेपीः 17 अगस्त, 2019 को मनोज तिवारी, विजय गोयल और सतीश उपाध्याय की उपस्थिति में आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हो गए थे।
नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई में बदलाव का दौर जारी है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कपिल मिश्रा को भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। दिल्ली बीजेपी ने हाल ही में नई टीम की घोषणा की थी। मिश्रा दिल्ली में आप के विधायक रहे चुके हैं। आप को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
प्रदेश अध्यक्ष श्री @Virend_Sachdeva जी के निर्देशानुसार श्री @KapilMishra_IND को भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। pic.twitter.com/W29XxKv8iW
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) August 5, 2023
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कपिल मिश्रा को चार साल के लंबे इंतजार के बाद शनिवार को पार्टी की दिल्ली इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। आम आदमी पार्टी (आप) नीत दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके मिश्रा अगस्त 2019 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मतभेद सार्वजनिक होने के बाद दिल्ली भाजपा में शामिल हो गए थे।
पिछले विधानसभा चुनाव में मिश्रा ने भाजपा के टिकट पर मॉडल टाउन निर्वाचन क्षेत्र से किस्मत आजमाई थी, जिसमें उन्हें 'आप' नेता अखिलेश पति त्रिपाठी से हार का सामना करना पड़ा था। कपिल मिश्रा दिल्ली विधान सभा के पूर्व सदस्य हैं, जिन्होंने करावल नगर का प्रतिनिधित्व किया था।
उन्होंने 2015 के दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट पर करावल नगर सीट 44,431 वोटों के अंतर से जीती थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और चार बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट को हराया था। मिश्रा को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में जल संसाधन मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया था।
लेकिन केजरीवाल और कैबिनेट सहयोगी सत्येन्द्र जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद उन्हें मंत्रालय से हटा दिया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि केजरीवाल और जैन ने 2 करोड़ रुपये रिश्वत ली थी। लेकिन मिश्रा इसे साबित करने में विफल रहे।
आप विधायक होने के बावजूद उन्हें बीजेपी नेताओं का समर्थन करते और उनके साथ मंच साझा करते देखा गया था। उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी ही पार्टी के खिलाफ प्रचार भी किया था। इन पार्टी विरोधी गतिविधियों को विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के संज्ञान में लाया गया था।
दलबदल और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आधार पर भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के नियम के तहत उचित प्रक्रिया के बाद मिश्रा को 2 अगस्त, 2019 को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अपने निष्कासन के बाद 17 अगस्त, 2019 को मनोज तिवारी, विजय गोयल और सतीश उपाध्याय की उपस्थिति में आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हो गए थे।