दिल्ली की इस लैब की कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के लिए अनोखी पेशकश, संक्रमण फैलने के खतरे को ऐसे कर रही कम
By भाषा | Published: April 7, 2020 05:26 AM2020-04-07T05:26:21+5:302020-04-07T05:26:21+5:30
राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त दिल्ली शहर स्थित एक नैदानिक प्रयोगशाला कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए एक अभिनव पेशकश लेकर आया है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति जांच के लिए अपने नमूने अस्पतालों के सामने कतार में खड़े होकर या नमूना एकत्र करने वाले किसी पैरामेडिकल कर्मी के संपर्क में आये बिना ही दे सकते हैं।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त दिल्ली शहर स्थित एक नैदानिक प्रयोगशाला कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए एक अभिनव पेशकश लेकर आया है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति जांच के लिए अपने नमूने अस्पतालों के सामने कतार में खड़े होकर या नमूना एकत्र करने वाले किसी पैरामेडिकल कर्मी के संपर्क में आये बिना ही दे सकते हैं। पश्चिम दिल्ली स्थित जांच प्रयोगशाला डा. डैंग्स लैब ने आईसीएमआर द्वारा पुष्ट जांच प्रक्रिया को ‘‘ड्राइब थ्रू टेस्ट’’ नाम दिया है। इसके तहत संदिग्ध मरीज को अपने वाहन से जांच प्रयोगशाला की पार्किंग में पहुंचना होगा। वहां पर एक प्रशिक्षित पैरामेडिक उसके नमूने लेने के लिए इंतजार में खड़ा रहेगा। मरीज अपनी कार में ही बैठे बैठे ही अपना नमूना देगा और मात्र करीब 10 मिनट में वापस अपने घर लौट जाएगा।
डॉ डैंग्स लैब (डीडीएल) एनएबीएल से मान्यता प्राप्त एक नैदानिक प्रयोगशाला है। इसके शहर में तीन केंद्र हैं। ये केंद्र जोरबाग, पंजाबी बाग और अरबिंदो मार्ग पर स्थित हैं जबकि इसका चौथा केंद्र गुड़गांव में है। हालाँकि, अभिनव जांच की यह सुविधा वर्तमान में केवल पश्चिम दिल्ली के पंजाबी बाग केंद्र द्वारा दी जा रही है। डीडीएल के सीईओ अर्जुन डैंग ने कहा कि प्रयोगशाला ने सोमवार से "ड्राइव-थ्रू" जांच की पेशकश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यह जांच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के अनुरूप है।
उन्होंने इस जांच के बारे में कहा कि कोई भी व्यक्ति सरकारी पहचानपत्र और डॉक्टर के पर्चे को अपलोड करके इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकता है और उसे एक समय दिया जाएगा। रोगी को उस वाहन संख्या को भी साझा करना होगा जिसमें वह प्रयोगशाला तक पहुंचना चाहता है। मरीज के लैब की पार्किंग में पहुंचने पर सुरक्षा किट से लैस कर्मचारी कार में बैठे मरीज से नमूना एकत्रित करेगा। इस प्रक्रिया में आठ से नौ मिनट लगते हैं और वह 15 मिनट से कम समय में वापस लौट सकता है। उन्होंने कहा कि मरीज की जांच रिपोर्ट उसकी पंजीकृत ईमेल आईडी पर 36 घंटे के भीतर भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कर्मचारियों और रोगी के बीच न्यूनतम संपर्क होता है। संक्रमण की संभावना न्यूनतम सुनिश्चित करने के लिए यहां तक कि पैसे का लेनदेन भी ऑनलाइन होता और कैश वॉलेट के माध्यम से होता है तथा प्रत्येक प्रक्रिया आनलाइन और बिना कागज के होती है।’’