दिल्ली विधानसभा चुनाव: हर दिन 200 किमी यात्रा और 6 घंटे आम लोगों से मिले अमित शाह
By संतोष ठाकुर | Published: February 8, 2020 06:35 PM2020-02-08T18:35:31+5:302020-02-08T18:35:31+5:30
भाजपा के पदाधिकारियोंं का कहना है कि अमित शाह ने इसी तरह की मेहनत उत्तर प्रदेश के चुनाव में की थी और वहां पर जब नतीजे आए थे तो लोग अवाक रह गए थे।
दिल्ली चुनाव की घोषणा के बाद पहले यह माना जा रहा था कि यहां पर आम आदमी पार्टी को मनोवैज्ञानिक बढ़त है और वही सत्ता पर काबिज होगी। इसकी वजह से न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता भी हतोसाहित से थे। लेकिन भाजपा में यह माहौल बहुत दिन तक नहीं रह पाया। इसकी वजह एक बार फिर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रहे। उन्होंने दिल्ली चुनाव में किस तरह अपने को झोंका हुआ है इसका एक उदाहरण यह है कि उन्होंने प्रतिदिन दिल्ली के अंदर ही न केवल कम से कम 200 किमी तक की यात्रा की और 4-5 रैली रोड शो किये बल्कि हर दिन लगभग 6 घंटे आम लोगों से मिले और उनके बीच रहे। यह किसी भी राष्ट्रीय दल के नेता की ओर से दिल्ली चुनाव में की गई अब तक की सबसे बड़ी मैराथन मेहनत और सक्रियता है।
भाजपा के पदाधिकारियोंं का कहना है कि उन्होंने इसी तरह की मेहनत उत्तर प्रदेश के चुनाव में की थी और वहां पर जब नतीजे आए थे तो लोग अवाक रह गए थे। वहां पर भाजपा ने तमाम मिथ को तोड़ते हुए अपनी सरकार बनाई थी। दिल्ली में भी ऐसा ही होने वाला है।
दिल्ली में गुरुवार को प्रचार का अंतिम दिन था। इस दिन भी भाजपा के स्टार प्रचारक और मुख्य आकर्षण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही रहे। उन्होंने प्रचार के अंतिम दिन पश्चिम दिल्ली के मादी पुर और हरी नगर में रोड शो किया। जबकि गुरुवार की सुबह ही उन्होंने पूर्वी दिल्ली के सीमा पुरी में रोड शो किया। यह उप्र की सीमा के साथ लगा हुआ क्षेत्र है और इसी वजह से संभवत: यहां का नाम सीमा पुरी रखा गया होगा।
अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव की बात करें तो प्रारंभिक चरण में भाजपा के कार्यकर्ता कुछ निराश से थे। लेकिन जब टिकट वितरण के बाद अमित शाह मैदान में उतरे तो उन्होंने हर दिन पार्टी के अंदर एक नया उत्साह और जोश भरने का कार्य किया। वह अपने संसद के निकट स्थित कृषणा मेनन मार्ग आवास से हर दिन दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रैली और रोड शो के लिए गए। यह पहली बार हुआ होगा जब किसी पार्टी का इतना बड़ा दिग्गज दिल्ली के उन मोहल्लों या गांव तक भी गया जहां शायद ही आज तक कोई बड़ा नेता पहुंचा हो। उन्होंने 25 जनवरी से सड़क पर उतरने का कार्य शुरू कर दिया।
पहले दिन से ही उन्होंने दिल्ली में चार से पांच रैली और रोड शो शुरू कर दिए। इसका असर भी सड़कों पर देखने को मिला और बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक उनकी रैली-रोड शो में नजर आए। कहा जा रहा है कि अमित शाह ने इस बात की चिंता नहीं की कि उनका कद क्या है। उन्होंने 300 से 400 लोगों वाली नुक्कड़ सभाओं को भी संबोधित किया।
एक अनुमान के मुताबिक उनकी रणनीति के तहत भाजपा ने दिल्ली में छोटी बड़ी करीब 10 हजार सभाएं, नुक्कड़ सभा, रैली और रोड शो किये। जिसमें आठ राज्यों के भाजपा-एनडीए मुख्यमंत्री और लगभग 240 सांसदों ने शिरकत की। अकेले अमित शाह हर दिन चार से पांच रैली-रोड शो करते हुए हर दिन जनता के बीच 6 से अधिक घंटे तक रहे।
इतना ही नहीं, रैली-रोड शो के बाद वह हर दिन प्रदेश भाजपा के कार्यालय गए और वहां पर रात को दो से ढाई बजे तक रणनीति बनाने के साथ पार्टी के अन्य नेताओं को उनका कार्य आवंटित करते रहे।