रक्षा अधिकारियों को ज्ञान का योद्धा होना चाहिए : राष्ट्रपति कोविंद
By भाषा | Published: August 4, 2021 04:56 PM2021-08-04T16:56:48+5:302021-08-04T16:56:48+5:30
उदगमंडलम (तमिलनाडु), चार अगस्त राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि भू-रणनीतिक एवं भू-राजनैतिक बाध्यताओं के साथ-साथ अन्य घटकों ने सुरक्षा परिदृश्य को और भी जटिल बना दिया है, ऐसे में राष्ट्रीय हित तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नये तरीके सोचने की जरुरत है।
डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, विलिंगटन के 77वें स्टाफ कोर्स के छात्र अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हम ज्ञान आधारित युद्ध के युग में हैं, ऐसे में रक्षा पेशेवर के रूप में, अधिकारियों को ऐसा योद्धा बनना होगा जिनके पास ज्ञान का भंडार हो, जो अद्यतन जानकारी रखते हों।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं जो बदलावों से भरा है। राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा की अवधारणाएं बदल रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि भू-रणनीतिक एवं भू-राजनीतिक बाध्यताओं के साथ-साथ अन्य घटकों ने सुरक्षा परिदृश्य को और भी जटिल बना दिया है।
कोविंद ने कहा कि कम तीक्ष्णता के संघर्ष, आतंकवाद से मुकाबला और गैर-युद्धक संघर्ष विभिन्न चुनौतियां पेश करते हैं। सभी पहलुओं को गहराई से समझने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस बदलते समय में हमें अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए तरीकों के बारे में सोचना होगा। इसके लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी।’’
उन्होंने कहा कि स्टाफ कोर्स के दौरान छात्र अधिकारियों को बदलती गतिशीलता को समझने में मदद करने के लिए व्यापक जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वृहद परिदृश्य की समझ के साथ वे राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्रों में अपनी भूमिका की पहचान करने में सक्षम होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी के समाज को ज्ञान आधारित समाज के रूप में वर्णित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सदी में ज्ञान एक शक्ति है। जिस तरह हमें ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के युग में होना बताया जाता है, वैसे ही हम ज्ञान आधारित युद्ध के युग में भी हैं। रक्षा पेशेवरों के रूप में, अधिकारियों को एक ज्ञान आधारित योद्धा होना चाहिए।’’
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में पेशेवर शिक्षण के बल पर वे आवश्यक दक्षताओं को आत्मसात करने में सक्षम होंगे। यह उन्हें भविष्य में बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए सही रणनीतियां सिखाएगा।
कोविड-19 महामारी पर राष्ट्रपति ने कहा कि हाल का समय पूरी मानवता के लिए काफी मुश्किलों से भरा रहा है। उन्होंने देश की सीमाओं के साथ-साथ कोविड-19 महामारी से निपटने में सशस्त्र बलों के कर्मियों के बेजोड़ साहस एवं संकल्प की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने में इनमें से अधिकांश व्यक्ति अग्रणी योद्धाओं में शामिल हैं। देश उनकी प्रतिबद्धता तथा उनके योगदान की सराहना करता है।
राष्ट्रपति कोविंद तीन अगस्त को चेन्नई पहुंचे और राजभवन में ठहरे हुए हैं। उनका छह अगस्त को दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है।
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