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चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच लद्दाख जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सेना अध्यक्ष एमएम नरवणे

By अनुराग आनंद | Updated: July 1, 2020 18:40 IST

लद्दाख में भारत व चीन सेना के बीच जारी तनाव के बीच रक्षामंत्री तैयारियों का जायजा लेने व सेना के जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए लद्दाख जाएंगे।

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ठळक मुद्देलद्दाख यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सकते हैं।भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात सप्ताह से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में कई जगहों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया।

नई दिल्ली:लद्दाख क्षेत्र में चीन की सेना के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहलद्दाख का दौरा कर सकते हैं। चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को राजनाथ सिंह का यह दौरा हो सकता है। इस दौरान रक्षा मंत्री के साथ थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे भी होंगे।

सूत्रों ने बताया कि लद्दाख यात्रा के दौरान सिंह सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सकते हैं। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात सप्ताह से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में कई जगहों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। 

गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया। इस झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए लेकिन पड़ोसी देश ने अभी तक उनकी संख्या नहीं बताई है।

गलवान में भारतीय सेना को अपनी शर्तें मनवा कर चीनी सेना पीछे हटने को राजी-

लद्दाख के मोर्चे पर गलवान वैली से चीनी सेना कुछ किमी पीछे हटने को राजी तो हुई है लेकिन शर्त के तौर पर वह चाहती है कि भारतीय सेना भी कई किमी पीछे हटे और अगर ऐसा होता है तो यह कोई पहली बार नहीं होगा कि चीनी सेना अपनी शर्तें मनवा कर भारतीय इलाका खाली करेगी।

पर भारतीय सेना इस बार इस शर्त को मानने से आनाकानी इसलिए कर रही है क्योंकि चीनी सेना अन्य इलाकों से अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं है। हालांकि कल दोनों देशों के कोर कमांडरों की तीसरे दौर की बातचीत करीब 12 घंटे चली थी।

कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पर सूत्रों के बकौल, भारतीय पक्ष ने गलवान वैली क्षेत्र से चीनी सेना को पीछे हटने के लिए मना लिया है, मगर इस कवायद में उसकी शर्त आड़े आ रही है।

चीन सेना ने शर्त रखी है कि भारतीय सेना को भी  दुर्बुक-शयोक-दौलतबेग ओल्डी रोड पर गश्त को छोड़ना होगा और उसे कुछ किमी पीछे जाना होगा। फिलहाल भारतीय सेना इसके लिए राजी नहीं हुई है जिसका अर्थ यही लगाया जा रहा है कि लद्दाख के मोर्चे पर बना हुआ तनाव और गतिरोध अभी चलता रहेगा

पाकिस्तान ने LOC पर भेजे 20000 सैनिक

लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है। एलओसी के साथ लगने वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में पाक ने दो सैन्य डिविजन करीब 20 हजार सैनिक भेजे हैं। इकॉनामिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, चीनी अधिकारी जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए आतंकी संगठन अल बदर से बातचीत कर रहे हैं। पाकिस्तान और चीन मिलकर जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना चाहते हैं।

अखबार में छपी खबर के अनुसार, इस बार पाकिस्तान ने जितने सैनिकों तैनात किया है वह बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान की गई तैनाती से बहुत ज्यादा है। पाकिस्तान के एयर डिफेंस रडार भी पूरे क्षेत्र पर 24 घंटे नजर बनाए हुए हैं। भारत को दो फ्रंट पर मोर्चा संभालने के अलावा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से भी निपटना होगा।

भारतीय सेना ने लद्दाख भेजी तीन डिविजन आर्मी

भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारतीय सेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए लद्दाख सेक्टर में तीन डिविजन, फ्रंटलाइन टैंक के कई स्क्वाड्रन, तोपें और पूरी तरह से तैयार मैकेनाइज्ड पैदल सेना के दस्ते भेजे हैं। पूर्वी लद्दाख में 5 मई से ही भारतीय और चीनी सैनिकों का जमावड़ा लगा है। इस इलाके में चीन ने भी भारी मात्रा हथियार और सैनिकों की तैनाती की है।

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, चीनी सेना के संभावित आक्रामक कदमों से निपटने के लिए तीन डिविजन भेजे गए हैं जिनमें भारतीय सेना के 30 हजार प्रशिक्षित जवान हैं। इन जवानों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से निकट तैनात किया गया है। सुरक्षा कारणों से उनके लोकेशन का जिक्र नहीं किया गया है। भारतीय सेना इन इलाकों में सैनिकों, हथियारों और उपकरणों को तैनात कर रही है।

 

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