नई दिल्ली: कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा यह दावा किया गया था कि चीनलद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल का निर्माण कर रहा है। इसे लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कटाक्ष भी किए थे। इसको लेकर रक्षा विशेषज्ञ ने कहा है कि यह भारत के लिए काफी चिंता का विषय है।
खबरों के अनुसार, चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास 400 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा पुल बना रहा है। वह इसके निर्माण के काम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है जो भारत के लिए खतरे की संकेत है। दुनिया के कई रक्षा विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकारों ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। इस पर भारत सरकार ने यह साफ किया है कि चीन इस पुल को उस जगह बना रहा है जिसे उसने 60 साल पहले गैर कानूनी तरीके से कब्जा किया था। सरकार ने यह भी कहा कि वह इस पुल के निर्माण को मॉनिटर कर रही है।
क्या कहना है रक्षा विशेषज्ञ का
इस पर बोलते हुए रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि हालात भारत के लिए ठीक नहीं है। नई दिल्ली स्थित सुरक्षा विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि यह पुल चीन के तकनीक का नमुना है जिसे वह इस्तेमाल कर इलाके में अपने जवानों को आसानी से एक जगह से दूसरे जगह भेज सकता है। उनका यह भी कहना था कि भारतीय सेना को यह करना काफी मुश्किल हो सकता है और इसमें ज्यादा समय भी लग सकते हैं। अपनी पहचान को छुपाते हुए बहुत दिन लद्दाख में बिताने वाले एक आर्मी ऑफिसर ने अलजजीरा को बताया कि अभी फिलहाल जहां पुल बन रहा है, उस जगह को चीन 1962 के युद्ध से पहले ही कब्जा कर रखा था।
उस आर्मी ऑफिसर ने यह भी बताया कि सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में 1962 में युद्ध हुई थी फिर भी 3488 किलोमीटर लंबे इलाके का मसला अभी तक सुलझा नहीं पाया है। उनके मुताबिक, एलएसी पुल से करीब 25 किमी (15 मील) की दूरी पर है। यह काफी हद तक पुरानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास है।
इससे पहले रक्षा विशेषज्ञ सी उदय भास्कर ने गलवान घाटी पर कहा था, ‘‘पूर्वी लद्दाख में स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) भारत के दावे वाली सीमारेखा के भीतर अवसंरचना सुदृढ़ कर रहा है। इस लिहाज से गलवान घाटी की घटना के बाद भारत कम अनुकूल स्थिति में है।’’
भारत चीन विवाद
यह विवाद 15-16 जून 2020 को भारत व चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प से शुरू हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारत और चीन के सैनिक समय-समय पर भिड़ते रहे हैं। ताजा मामले में चीन द्वारा यह पुल बनाना है जिसे लेकर भारत काफी चिंता में हैं।