लखनऊ की दर्दनाक घटना, कृष्णा नगर में घर में मिली पिता-पुत्र की सड़ी हुई लाश, बेहोश थी मां
By दीप्ती कुमारी | Updated: May 2, 2021 11:25 IST2021-05-02T11:25:58+5:302021-05-02T11:25:58+5:30
लखनऊ के कृष्णानगर में एक घर में पिता और बेटे की लाश मिली है। इसे पुलिस ने सड़ी हुई अवस्था में पाया है। पड़ोसियों ने बताया कि पिता अरविंद गोयल कई दिनों से बीमार थे और बेटा मानसिक रूप से अस्वस्थ था।

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया
लखनऊ: कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कृष्णानगर से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। यहां शनिवार को एक घर के कमरे में पिता और बेटे की सडी-गली अवस्था में लाश मिली। पुलिस मामले की जांच में जुटी है कि मौत कहीं कोविड-19 या किसी अन्य बीमारी से तो नहीं हुई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने मृतकों की पहचान अरविंद गोयल (65) औऱ उनके 20 साल के बेटे कशिश के रूप में की है। साथ ही पुलिस ने बताया कि दोनों का शव बुरी तरह से सड़ गया था। वहीं इसी घर में रह रहीं पत्नी रंजना गोयल भी बेहोश अवस्था में दूसरे कमरे में पाई गई। उन्हें लोक बंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लखनऊ: तेज दुर्गंध के बाद पड़ोसी ने दी पुलिस को सूचना
यह मामला तब सामने आया जब एक शख्स ने यूपी पुलिस को कॉल कर सूचना दी कि एलडीए कॉलोनी के सेक्टर-डी में उनके पड़ोसी के घर से तेज दुर्गंध आ रही है। इसके बाद मौके पर सेंट्रल जोन के एडीसीपी और कृष्णानगर एसएचओ घटनास्थल पर पहुंचे।
लखनऊ सेंट्रल जोन के एडीसीपी चिरंजीवी सिन्हा ने बताया कि घर का मेन गेट और दरवाजे अंदर से बंद थे और ग्राउंड फ्लोर में प्रवेश करने के लिए इसे तोड़ना पड़ा।
पुलिस ने कोरोना महामारी के मद्देनजर पीपीई किट पहनकर घर में प्रवेश किया और सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शव को बरामद किया। सेंट्रल जोन के डीएसपी सोमेन बर्मा ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
बर्मा ने कहा कि मौत के सही कारणों पता लगाने के लिए सभी तरह के मेडिकल प्रोटोकॉल की इजाजत दे दी है।
वहीं एडीसीपी चिरंजीवी सिन्हा ने कहा कि पत्नी रंजना गोयल को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। पुलिस के अनुसार बेहोश मिली महिला शारीरिक रूप से विकलांग और बीमार थीं।
पुलिस ने फिलहाल इन संभावनाओं से इनकार किया है किसी बाहरी शख्स ने ऐसी घटना को अंजाम दिया होगा।उन्होंने कहा कि देखने में ऐसा लगता है कि घर में किसी भी तरह से जबरदस्ती प्रवेश नहीं किया गया है और न ही शरीर पर चोट के ही कोई निशान हैं।
एडीसीपी ने कहा कि पीड़ित परिवार के पड़ोसियो के अनुसार कशिश मानसिक रूप से अस्वस्थ था जबकि उसके पिता कई दिनों से बीमार थे और उनलोगों ने 4-5 दिन से घर से निकलना भी बंद कर दिया था।