Share Market: निवेशकों के डूब गए 11 लाख करोड़, शेयर बाजार में सुनामी, 2,919.26 अंक की भारी गिरावट

By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 12, 2020 16:58 IST2020-03-12T16:22:20+5:302020-03-12T16:58:52+5:30

दिन भर के कारोबार के दौरान निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए। वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के बीच 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,919.26 अंक टूट कर 32,778.14 के स्तर पर आ गया। शेयर बाजार के पतन के चलते निवेशकों की 11 लाख करोड़ रुपये डूब गये।

D-Street bulls in ICU Five factors behind Sensex's 2,919.26 | Share Market: निवेशकों के डूब गए 11 लाख करोड़, शेयर बाजार में सुनामी, 2,919.26 अंक की भारी गिरावट

बीएसई इंडेक्‍स पर कंपनियों का मार्केट कैप 1,26,00,369.46 करोड़ रुपये रह गया। (file photo)

Highlightsसेंसेक्स 2,919.26 अंक की भारी गिरावट के साथ 32,778.14 अंक पर बंद हुआ।निफ्टी 868.25 अंक के नुकसान से 9,590.15 अंक पर बंद हुआ। 

कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर वैश्विक बाजार हलकान हैं और इसका असर भारतीय बाजार पर भी है। इसे वैश्विक महामारी घोषित किए जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को मुंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स में 2,919 अंक ध्वस्त हो गया।

अंकों के आधार पर यह सेंसेक्स की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। वैश्विक बाजारों में भी तेज गिरावट देखी गयी। स्थानीय बाजार के प्रमुख 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय 3,204.30 अंक तक गोता लगा गया था। अंतत: में यह 2,919.26 अंक यानी 8.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32,778.14 अंक पर बंद हुआ। एनएसई के निफ्टी में भी भारी गिरावट रही।

निफ्टी 868.25 अंक यानी 8.30 प्रतिशत गिरकर 9,590.15 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की सभी कंपनियां नुकसान में रहीं। भारतीय स्टेट बैंक को सर्वाधिक 13.23 प्रतिशत का नुकसान हुआ। ओएनजीसी, एक्सिस बैंक, आईटीसी और टीसीएस के शेयरों में भी 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली। विश्व व्यापार संगठन के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को महामारी घोषित करने का वैश्विक शेयर बाजारों पर बहुत बुरा असर पड़ा।

डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन समेत यूरोप से आने यात्रियों के प्रवेश पर 30 दिन के लिए प्रतिबंधित लगा दिया

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन समेत यूरोप से आने यात्रियों के प्रवेश पर 30 दिन के लिए प्रतिबंधित लगा दिया। इसका वित्तीय और जिंस बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे हैं। इससे वैश्विक आर्थिक मंदी का जोखिम गहराने लगा है।

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के बुनियादी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि वैश्विक बाजारों की तर्ज पर भारतीय शेयर बाजार भी गिरावट में खुले और कोरोना वायरस के संक्रमण का बाजार पर असर पड़ने की आशंका से अंत तक हलकान रहे।

उन्होंने कहा कि चुनिंदा क्षेत्रों में बिकवाली के साथ ही व्यापक स्तर पर भी हुई बिकवाली ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला। कारोबारियों ने कहा कि इसके साथ ही वैश्विक बाजारों में बिकवाली, कच्चा तेल की कीमतों में भारी गिरावट तथा रुपये के कमजोर होते जाने से बाजार में उथल-पुथल को बल मिला।

कारोबार के दौरान रुपया 49 पैसे गिरकर 74.17 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था। ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव भी 5.50 प्रतिशत गिरकर 33.82 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था। एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। जापान का निक्की 4.41 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.87 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 3.66 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.52 प्रतिशत की गिरावट में रहा।

शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार छह प्रतिशत तक की गिरावट में चल रहे थे। अमेरिका में डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में बुधवार को 5.86 प्रतिशत की बड़ी गिरावट रही। नास्डैक के वायदा कारोबार से इस बात के संकेत मिल रहे थे कि बृहस्पतिवार को भी अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट जारी रहने वाली है।

निवेशकों की भावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा

बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बुधवार को कारोबार खत्म होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था, जो गुरुवार को घटकर 125 लाख करोड़ रुपये रह गया। व्यापारियों ने कहा कि वैश्विक रुख के अलावा विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने के चलते निवेशकों की भावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को सकल आधार पर 3,515.38 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। शुरुआती कारोबार के दौरान बीएसई में 1,789 शेयरों में गिरावट आई, जबकि सिर्फ 152 शेयर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। 

इस वजह से बीएसई इंडेक्‍स पर कंपनियों का मार्केट कैप 1,26,00,369.46 करोड़ रुपये रह गया। एक दिन पहले यानी बुधवार को मार्केट कैप 1,37,13,558.72 करोड़ रुपये था। इस लिहाज से निवेशकों को 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बीच दुनिया भर में आवाजाही पर रोक लगने से निवेशकों की चिंताएं बढ़ीं और गुरुवार को विमानन कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली हुई। सुबह के कारोबार में इंडिगो, स्पाइसजेट और बंद हो चुकी जेट एयरवेज के शेयरों में भारी गिरावट हुई। स्पाइसजेट में 18 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई।

इस दौरान 30 शेयरों वाले सेंसेक्स सूचकांक में 2,000 अंकों से अधिक की गिरावट हुई। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो की पितृ कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर 10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,039.35 रुपये पर पहुंच गए। कंपनी ने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते उसकी तिमाही आय में कमी आएगी। स्पाइसजेट के शेयर 18 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 49.40 रुपये पर आ गए, जबकि जेट एयरवेज करीब पांच प्रतिशत गिरकर 18.95 रुपये पर था। 

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