सीरपीएफ ने अमरनाथ यात्रियों के लिए शुरू किया मोबाइल सहायता केन्द्र ‘साथी’
By भाषा | Published: July 10, 2018 02:22 AM2018-07-10T02:22:23+5:302018-07-10T02:22:23+5:30
सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू में भगवती नगर आधार शिविर से इतर अन्य शिविरों के तीर्थ यात्रियों को सूचनाएं और सहायता मुहैया कराने की जरूरत महसूस की जा रही थी।
जम्मू , 10 जुलाई: अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की मदद के लिए सीआरपीएफ ने मोबाइल सहायता केन्द्र ‘ साथी ’ शुरू किया है। जम्मू सेक्टर के सीआरपीएफ महानिरीक्षक अभय वीर चौहान ने आज ‘ साथी ’ की शुरुआत की।
सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू में भगवती नगर आधार शिविर से इतर अन्य शिविरों के तीर्थ यात्रियों को सूचनाएं और सहायता मुहैया कराने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसी लक्ष्य से मोबाइल सहायता केन्द्र ‘ साथी ’ शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि अर्द्धसैनिक बल ने ‘ साथी ’ के अलावा तीर्थ यात्रियों की मदद के लिए अन्य कई सुविधाएं शुरू की हैं।
उन्होंने बताया कि भगवती नगर आधार शिविर में रुकने वाले यात्रियों के लिए पहले से ही ‘ मददगार ’ नाम से सहायता केन्द्र काम कर रहा है। दूसरी ओर श्रीनगर से मिली सूचना के अनुसार , अमरनाथ यात्रा के 12 वें दिन आज 9,606 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किये। प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 12 दिनों में 1।04 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं।
कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिये जाने के दौरान अब तक अलग - अलग कारणों से छह श्रद्धालुओं की पहले ही मौत हो चुकी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश में फिवालायम की रहने वाली थोटा राधनम नामक 75 वर्षीय महिला की आज सुबह बालताल आधार शिविर की एक सामुदायिक रसोई में मौत हो गयी। आशंका है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।
अधिकारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश के अनंतपोरा के रहने वाले राधा कृष्ण शास्त्री (65) की भी गुफा के निकट संगम में दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई। उन्होंने बताया कि आगे की कानूनी प्रक्रियाओं के लिये मृतक श्रद्धालुओं के शवों को बालताल आधार शिविर अस्पताल में रखा गया है।
अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड के रहने वाले पुष्कर जोशी कल बराड़ीमार्ग एवं रेलपथरी के बीच पहाड़ से पत्थरों के गिरने के चलते घायल हो गये। आज सुबह अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही इस साल यात्रा के दौरान मरने वाले लोगों की तादाद बढ़कर छह हो गयी। इससे पहले बीएसएफ के एक अधिकारी , एक यात्रा स्वयंसेवी एवं एक पालकी ढोने वाले की मौत हुई थी।