मनुस्मृति आधारित संविधान लाना चाहता है आरएसएस: माकपा नेता ने जनसभा में लगाया बड़ा आरोप, बोले-ऐसा नहीं होने देगी हमारी पार्टी
By आजाद खान | Published: February 25, 2023 07:25 AM2023-02-25T07:25:12+5:302023-02-25T08:00:37+5:30
ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा देश में मनुस्मृति आधारित संविधान लागू करने का आरोप लगाते हुए माकपा नेता ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी ऐसा नहीं होने देगी।
तिरुवनंतपुरम: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के सचिव एम वी गोविंदन ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश में मनुस्मृति आधारित संविधान लागू करना चाहता है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसे में उनकी पार्टी ऐसा नहीं होने देगी।
ऐसे में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि आरएसएस देश में लोकतंत्र, धर्मनिरपक्षेता और विविधता में एकता को नष्ट करना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस रैली का लक्ष्य देश में संघीय प्रणाली को प्रभावित कर रही भाजपा नीत राजग की नीतियों से लोगों को अवगत कराना है।
जनसभा में क्या बोले माकपा की केरल इकाई के सचिव
आपको बता दें कि सत्तारूढ़ माकपा द्वारा राज्य में एक महीने के लिए निकाली जा रही ‘पीपुल्स डिफेंस रैली’ के तहत कोझिकोड जिले के पेराम्ब्रा में एक जनसभा में गोविंदन ने संघ पर यह आरोप लगाया है। जनसभा में गोविंदन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आरएसएस का मनुस्मृति के आधार पर संविधान बनाने का एजेंडा है।
उनके अनुसार, हमारे देश में आज के लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संस्कृति, भाषा, धर्म या जाति में विविधता को लेकर संघ ज्यादा परवाह नहीं करता है। इसे लेकर उन्होंने दावा किया है कि संघ का यह एजेंडा है कि वह अपनी 100वीं वर्षगांठ तक इसे पूरा कर ले।
बदल रहा है केरल-एम वी गोविंदन
इस जनसभा में बोलते हुए एम वी गोविंदन ने कहा है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके केरल के समाज का आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, जैसे-जैसे दुनिया आगे बढ़ रही है, हम पीछे नहीं रह सकते है। इस संसार के साथ प्रकृति भी बदल रहा है, ऐसे में परिवर्तन ही एकमात्र स्थिर है।
माकपा की केरल इकाई के सचिव को आगे यह कहते हुए सुना गया है कि के-रेल राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा और इससे लोगों के जीवन में सुधार आएगा। यही नहीं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि इस परियोजना को लेकर राज्य की ज्यादा तर राजनीतिक पार्टियां जैसे कांग्रेस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और भाजपा इसके खिलाफ है।
भाषा इनपुट के साथ