कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) नेता व पूर्व लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने ममता बनर्जी सरकार पर कोरोना वायरस से हो रही मौत को छुपाने का गंभीर आरोप लगाया है। सोमवार (20 अप्रैल) को एमडी सलीम ने कहा कि यह कोई आरोप नहीं है। दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं क्योंकि आप सच्चाई को लंबे समय तक दबा नहीं सकते। उन्होंने कहा कि मालदा में एक नेपाल बर्मन की मौत हो गई। वह एक कोरोना वायरस से संक्रमित था। उसे 12 अप्रैल को श्मशान में जला दिया गया।
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) पर गंभीर आरोप लगाया है कि उसने गड़बड़ टेस्टिंग किट को सप्लाई किया है।
कोलकाता में कोविड-19 जांच के लिए आईसीएमआर के प्रमुख केंद्र, राष्ट्रीय कॉलरा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) ने हाल में कहा था कि राज्य सरकार जांच के लिए पर्याप्त नमूने नहीं भेज रही है।
संस्थान की निदेशक डॉ शांता दत्ता ने हाल में कहा था कि यह बड़ी खामी है। पिछले हफ्ते हमें हर दिन 20 नमूने भी प्राप्त नहीं हो रहे थे। कितने सैंपल भेजे जाएंगे इसका फैसला राज्य सरकार करती है, इसलिए अगर वे और नमूने भेजेंगे तो हम ज्यादा जांच कर पाएंगे। मेरे विचार में नमूनों को अनुशंसा के अनुरूप एकत्र नहीं किया जा रहा। इसलिए बंगाल में हो रही जांच भी कम है।
इससे पहले कई चिकित्सीय समुदाय और विपक्षी पार्टी दावा कर रही हैं कि राज्य बहुत कम मामलों की जानकारी दे रहा है क्योंकि संक्रमण के लिए बहुत कम आबादी की जांच की जा रही है। शनिवार तक, राज्य में कोविड-19 के 233 मामले सामने आए हैं और 12 लोगों की मौत हुई है जो महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से बहुत कम है।
राज्य में जो मौत हुई हैं वे कोरोना वायरस (Coronavirus) वैश्विक महामारी के चलते हुई हैं या पहले से जारी किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई हैं, यह जांचने के लिए उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों की बजाए विशेषज्ञ ऑडिट समिति का गठन करना राज्य सरकार के डेटा की विश्वसनीयता के बारे में संदेह पैदा करता है। कोलकाता में कोविड-19 जांच के लिए आईसीएमआर के प्रमुख केंद्र, राष्ट्रीय कॉलरा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) ने हाल में कहा था कि राज्य सरकार जांच के लिए पर्याप्त नमूने नहीं भेज रही है।