जयपुर, 26 जुलाई: राजस्थान में अब गाय का दूध ही नहीं गौमूत्र भी डेयरी किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन गया है। गौमूत्र की मांग इतनी ज्यादा है कि किसान थोक बाजार में गीर और थारपारकर जैसी हाई ब्रीड गायों के मूत्र को 15 से 30 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है, वहीं गाय के दूध की कीमत 22 से 25 रुपये प्रति लीटर ही है।
जयपुर के किसान कैलाश गुर्जर ने उन लोगों को गौमूत्र बेचना शुरू किया जो कि जैविक खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि दूध के अलावा गौमूत्र बेचना जब से शुरू किया है तबसे उसकी कमाई लगभग 30 प्रतिशत बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि गौमूत्र जैविक खेती करने वाले किसानों द्वारा कीटनाशकों के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। लोग औषधिक उद्देश्यों और अनुष्ठानों में भी इसका उपयोग करते हैं। गुर्जर का कहना है कि उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिये पूरी रात जागना होता है कि गौमूत्र जमीन पर न गिरे। पिछले दो दशकों से गाय का दूध बेच रहे गुर्जर कहते हैं, गाय हमारी माता है, इसलिये मुझे रात में जागने में कोई दिक्कत नहीं होती है। वहीं इससे मेरे आय का स्रोत बढ़ा है।
उदयपुर में महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर और टेक्नोलॉजी अपने ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रोजेक्ट में हर महीने 300-500 लीटर गौमूत्र यूज करते हैं। यूनिवर्सिटी ने गौमूत्र की आपूर्ति के लिये राज्य के डेयरी किसानों से संपर्क किया है। हर महीने, यूनिवर्सिटी 15 हजार से 20 हजार रुपये का गौमूत्र खरीदता है।
वाइस चांसलर उमा शंकर ने कहा, गौमूत्र में किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने की क्षमता है। भारत और देश-दुनिया की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें. यूट्यूब चैनल यहाँसब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट