एसके गुप्ता, नई दिल्ली। हर किसी के जहन में एक ही सवाल है कि कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल गई लेकिन टीका कब लगेगा? यह सवाल मंगलवार को लोकमत ने स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से पूछा जिन्होंने कहा कि डीसीजीआई ने तीन जनवरी को कोविशील्ड और कोवाक्सिन को मंजूरी दी थी। वैक्सीन को आपातकालीन स्वीकृति मिलने के 10 दिन के भीतर ही टीकाकरण शुरू किया जाना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित जीएमएसडी नामक 4 प्राथमिक वैक्सीन स्टोर बनाए गए हैं और देश में ऐसे 37 वैक्सीन स्टोर हैं। वैक्सीन को आगे पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की होती है। यहां से रेफ्रिजरेटेड वाहन या अन्य साधनों के माध्यम से जिलों और फिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक वैक्सीन पहुंचती है। भारत के पास वैक्सीन डिलिवरी की निगरानी के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम हैं। यह पिछले 10 साल से मौजूद है। लेकिन अब कोरोना वैक्सीन के लिए इसमें कुछ और चीजें जोड़ी गई हैं। वैक्सीन की जगहों पर तापमान मापने के यंत्र होंगे।
उन्होंने बताया कि को-विन नाम का एक ऐप बनाया गया है जिसके जरिए कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकेगा। हालांकि तीन करोड़ हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को को-विन ऐप पर रजिस्टर कराने की ज़रूरत नहीं होगी। इनका डेटा पहले ही सरकार के पास है। लेकिन बाकी 27 श्रेणियों के लोगों को रेजिस्ट्रेशन की ज़रूरत होगी। कोविन ऐप के ज़रिए यूनीक हेल्थ आईडी जनरेट की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगवाकर एक क्यूआर कोड सर्टिफिकेट भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई देश कोविन ऐप इस्तेमाल करना चाहे तो भारत सरकार मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत सरकार की ओर से इसके निर्यात पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है।