Coronavirus In Bihar: 'कबूतरबाजी' से बिहार आ रहे लोग बन रहे हैं कोरोना के वाहक, कई मामले आये सामने, प्रशासन का फूला दम

By एस पी सिन्हा | Published: April 27, 2020 03:09 PM2020-04-27T15:09:40+5:302020-04-27T15:10:35+5:30

Coronavirus: बिहार में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल आया है। इन सब के बीच गुपचुप तरीके से बिहार में आ रहे लोग इस बीमारी के वाहक बनकर उभरे हैं।

Covid 19 People coming to Bihar by hiding themselves becomes new carriers of Coronavirus | Coronavirus In Bihar: 'कबूतरबाजी' से बिहार आ रहे लोग बन रहे हैं कोरोना के वाहक, कई मामले आये सामने, प्रशासन का फूला दम

बिहार में चोरी-छुपे दाखिल हो रहे लोग बन रहे हैं कोरोना के वाहक (फाइल फोटो)

Highlightsलॉकडाउन के बाद बिहार में चोरी-छुपे दाखिल हो रहे लोग बन रहे हैं कोरोना के वाहकपूर्वी चंपारण में चार नये मामले, पटना और छपरा में भी ऐसे केस आए सामने

पटना: कोरोना के कहर के बीच जारी लॉकडाउन में गुपचुप यानी कबूतरबाजी के सहारे, एम्बुलेंस या फिर किसी अन्य गाड़ी के सहारे दूसरे प्रदेशों से बिहार आने वाले लोग कोरोना संक्रमण के वाहक बनकर उभर रहे हैं. यह भी कहा जा सकता है कबूतरबाज बिहार में कोरोना का संक्रमण फैलाने में काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं. मधुबनी के डीएम डॉ निलेश रामचंद्र देउरे की मानें तो रविवार को पटना में सामने आए कोरोना पॉजिटिव मरीजों में एक शख्स मधुबनी जिले का निवासी है. 

उन्होंने बताया कि मधुबनी निवासी ये शख्स अपने भाई के साथ दिल्ली में रहता था और करीब एक हफ्ते पहले ये दोनों भाई किराए पर एक एम्बुलेंस लेकर दिल्ली से मधुबनी के लिए निकले थे. इसी दौरान 21 अप्रैल को जब ये दोनों यूपी बॉर्डर क्रॉस कर बिहार के गोपालगंज पहुंचे तो जिला प्रशासन ने इन दोनों भाइयों को मधुबनी जाने की इजाजत देने की बजाय मेडिकल जांच के लिए क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया. 

इसके बाद 23 अप्रैल को इन दोनों भाइयों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया. रविवार को जब सैंपल की जांच रिपोर्ट आई तो एक शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया. ऐसे में मधुबनी के डीएम निलेश रामचंद्र देउरे ने कोरोना महामारी को मात देने के लिए मधुबनीवासियों से संयम और सतर्कता बरतने की अपील की है. डीएम ने कहा है कि मधुबनी में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों पर प्रशासन के द्वारा कडी निगरानी की जा रही है. 

उन्होंने कहा कि गोपालगंज जिला प्रशासन की सतर्कता ने मधुबनीवासियों को फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से बचा लिया है, जिससे मधुबनीवासियों ने राहत की सांस ली है. साथ ही गोपालगंज जिला प्रशासन की सतर्कता के प्रति सम्मान भी जताया है. 

पूर्वी चंपारण में चार नये मामलों से हड़कंप

पूर्वी चम्पारण जिला में कोरोना पॉजिटिव के एक साथ चार नये पीड़ितों के मिलने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. यहां भी एक व्यक्ति एम्बुलेंस के सहारे मुंबई से अपने गांव लौटा था जबकि दूसरा व्यक्ति दिल्ली के फिरोजाबाद में दर्जी का काम किया करता था. 

लॉकडाउन के बाद बन्द हुए रोजगार के बाद अपने छह दोस्तों के साथ एक कार को भाड़े पर लेकर सभी बेतिया पहुंचे थे. जहां से वह घर से मोटरसाइकिल मंगाकर अरेराज पहुंचा था. अरेराज पहुंचने पर हरदिया चौक पर पुलिस ने पकड़ा और क्वारंटाइन कर लिया. 

जांच के बाद पटना आरएमआई ने इसे रविवार को कोरोना पॉजिटिव घोषित किया है. इसके बाद से अनुमंडल प्रशासन में हड़कंप मंच गया है. वहीं, चार नये मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री और सम्पर्क में आये लोगों की तलाश पूर्वी चम्पारण जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है. 

बताया जा रहा है कि बंजरिया प्रखंड के पीड़ितों ने कैंसर पीड़ित अपने पिता को डॉक्टरों के घर ले जाने की सलाह पर मुम्बई से एंबुलेंस से चैलाहा बाजार लेकर आये. जहां खाने-पीने के सामानों को खरीदने के बाद गांव से चार पहिया वाहन मंगाकर चैलाहा से पिता को गांव ले गये. पीड़ितों ने चैलाहा बाजार से मछली और ब्रेड भी खरीदी थी. 

गांव पहुंचने पर ग्रामीणों की सूचना पर इन्हें गांव के ही स्कूल में बने क्वारंटाइन सेन्टर भेजा गया था. लेकिन क्वारंटाइन की अवधि में सभी पी़ड़ितों के घर-परिवार के सदस्यों के सम्पर्क में रहने की बात उजागर हुई है. बताया जा रहा है कि पीड़ितों ने गांव के भ्रमण करने के साथ गांव में ही मस्जिद में नमाज पढी थी. जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि पीड़ित बहुत से लोगों के सम्पर्क में आये हैं. पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी अब इनके मोतिहारी पहूंचने और लोगों के सम्पर्क की तलाश कर रही है. 

पटना में भी ऐसे ही मामले

उसी तरह पटना में मुम्बई से इलाज कराकर लौटे मरीज और उसके दो अन्य परिजन कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. ये सभी लोग मुंबई से एंबुलेंस से पटना लौटे थे. पीएमसीएच में इन चारों का सैंपल लिया जिनमें मरीज के साथ ही उनके 35 व 38 साल के दो परिजनों की रिपोर्ट शनिवार की रात पॉजिटिव आ गई. 

वहीं उनके एक अन्य परिजन की रिपोर्ट निगेटिव आई जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा आनन फानन में क्वारेंटाइन कर दिया गया. बिहार में शायद यह पहला मौका है जब असाध्य रोग से जूझ रहे किसी मरीज और उनके परिजनों ने इस तरह की समझदारी दिखा कर बेउर में उनके घर के आसपास रहने वाले पूरे इलाके को बचा लिया. यही नहीं प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को भी इससे काफ़ी राहत मिली. 

डीएम कुमार रवि ने भी माना है कि इन लोगों ने बहुत अच्छा काम किया और एक बडी आबादी को कोरोना संकट से बचा लिया. उसी तरह गुजरात से छपरा आई एक युवती कोरोना पॉजिटिव पाई गई है. वह भी कार बुक कर गुजरात से अपने दो दोस्तों संग बिहार आई थी. लेकिन छपरा में पुलिस ने उसे रोक लिया. पुलिस की सूझ-बुझ से बडे पैमाने पर संक्रमण को टाला जा सका है. 

Web Title: Covid 19 People coming to Bihar by hiding themselves becomes new carriers of Coronavirus

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